आज पहली बार PM मोदी ने 191 फीट ऊंचे अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्मध्वजा फहराया। यह धर्मध्वजा अहमदाबाद में बनाया गया है। 11 फीट चौड़े और 22 फीट लंबे झंडे को बनाने का काम अहमदाबाद के श्री अंबिका इंजीनियरिंग वर्क्स ने किया है। इस झंडे का डिजाइन राम मंदिर ट्रस्ट ने दिया था। उसके बाद 10 कारीगरों ने इसे 25 दिनों में तैयार किया है। झंडे के लिए तीन लेयर वाले मटीरियल का इस्तेमाल
झंडे के दोनों तरफ भगवान राम, कल्पवृक्ष, सूर्यनारायण भगवान और ओम के निशान बनाए गए हैं। ये सभी निशान राम मंदिर की तरफ से दिए गए डिजाइन को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। झंडे के लिए तीन लेयर वाले मटीरियल का इस्तेमाल किया गया है, हालांकि यह भी गर्व की बात है कि धर्मध्वजा बनाने वाले परिवार को राम मंदिर में होस्ट होने का सम्मान दिया गया है। 5100 kg का धर्मध्वजा भी तैयार
श्री अंबिका इंजीनियरिंग को पहले सिर्फ धर्मध्वजा ही नहीं, बल्कि राम मंदिर के लिए कई चीजें बनाने का ऑर्डर दिया गया था। राम मंदिर के लिए झंडे का पोल भी अहमदाबाद में ही तैयार किया गया है, जो 42 फीट का है और इसका वजन 5100 kg है। इसे भी अहमदाबाद में तैयार करके अयोध्या भेजा गया है। इसके साथ ही राम मंदिर में दान पेटी, हुंडी रखने की जगह, भगवान के गहने रखने के लिए पीतल की अलमारियां तैयार की गई हैं। हमने झंडे का पोल, परकोटा झंडे का पोल भी बनाकर भेजा है: कश्यप मेवाड़ा
राम मंदिर के लिए धर्मध्वजा बनाने वाले श्री अंबिका इंजीनियरिंग वर्क्स के मालिक कश्यप मेवाड़ा ने भास्कर को बताया कि यह धर्मध्वजा सिल्क सैटिन का बना है। इस पर भगवान राम के निशान हैं, जिसमें झंडे के दोनों तरफ कल्पवृक्ष, सूर्यनारायण भगवान और ऊँ तैयार किए गए हैं। धर्मध्वजा बनाने में 8 से 10 कारीगरों को करीब 25 दिन लगे। झंडे का ऑर्डर ट्रस्ट से मिला था। हमने झंडे का पोल और आसपास के 6 परकोटा झंडे का पोल भी बनाकर भेज दिया है। दान पेटी, हुंडी रखने की जगह, भगवान के गहने रखने के लिए पीतल की अलमारी, दरवाजे का हार्डवेयर, मंदिर की चूड़ियां समेत सारा सामान अहमदाबाद में बनाकर भेजा गया है। कश्यप मेवाड़ा के मां-पिता यजमान बने
कश्यप मेवाड़ा ने कहा कि पिछले डेढ़ से दो साल से हम राम मंदिर में ऑर्डर के लिए काम कर रहे हैं। पिछले 80 सालों से हम सभी बड़े मंदिरों में झंडे बनाकर भेज रहे हैं। कारीगरों ने शास्त्रों के आधार पर झंडे तैयार किए हैं। अहमदाबाद में बनी धर्मध्वजा PM मोदी ने फहराया। यह सभी के लिए बहुत गर्व की बात है, इसके साथ ही हमारे लिए एक और गर्व की बात यह है कि मेरे माता-पिता को हवन में यजमान के तौर पर बैठाया गया है। गुजरात के 22 साल के युवा ज्योतिषी विश्व वोरा ने इस ऐतिहासिक घटना के लिए ‘अभिजीत का माइक्रो मुहूर्त’ तय किया है, जो सिर्फ 12 मिनट का था और धर्मध्वजा फहराने की रस्म के लिए बहुत शुभ माना जाता है। धर्मध्वजा मंदिर का निर्माण पूरा होने का प्रतीक
विश्व वोरा ने इस मुहूर्त के चुनाव के पीछे के महत्व, धर्मध्वजा फहराने की रस्म और झंडे की खासियतों के बारे में डिटेल में जानकारी दी। यह धर्मध्वजा फहराना 22 जनवरी, 2024 को रामलला के उद्घाटन और 5 जून को राम दरबार के उद्घाटन के बाद मंदिर का निर्माण पूरा होने का प्रतीक है। राम मंदिर के शिखर पर लहराने वाला धर्मध्वजा भगवा रंग का है, ये वीरता का प्रतीक है। इस पर ॐ समेत शास्त्रों के चिह्न बने हैं। इसे फैब्रिक कपड़े से बनाया गया है, ताकि यह चारों दिशाओं में लगातार लहराता रहे। अभिजीत मुहूर्त में मंत्रों और पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ ध्वजारोहण से मंदिर निर्माण की पवित्रता और भव्यता पूरी होगी। ये शुभ मुहूर्त रहा
आज विवाह पंचमी भी है। शास्त्रों में भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह दिवस के रूप में भी आज वर्णित किया गया है, यानी विवाह पंचमी, जो ध्वजारोहण के लिए बहुत ही शुभ अवसर है। इस दिन ग्रहों की स्थिति भी बहुत अनुकूल है, जिसमें ध्वजारोहण की रस्में दोपहर (11:31 से 12:13 PM) के सबसे अच्छे और लाभकारी अभिजीत मुहूर्त में 12 मिनट के नवांश लग्न में सूक्ष्म रूप से पूरी की जाएगी। ———————– ये खबर भी पढ़िए- अयोध्या राम मंदिर पर मोदी-भागवत ने धर्मध्वजा फहराई: पहली मंजिल पर बने राम दरबार की पूजा की; योगी बोले- पीढ़ियों की प्रतीक्षा साकार हुई अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 673 दिनों बाद PM मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया। सुबह 11.50 बजे अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाते ही 2 किलो की केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर फहरने लगी। इसके साथ ही राम मंदिर संपूर्ण हो गया। इस दौरान पीएम मोदी भाव विभोर हो गए। धर्मध्वजा को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। पढ़ें पूरी खबर…
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