बहराइच की महसी तहसील में बीते वर्ष दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए विवाद में राम गोपाल मिश्रा नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ने मंगलवार को दस लोगों को दोषी करार दिया है। अदालत 11 दिसंबर, गुरुवार को इन सभी को सजा सुनाएगी। यह घटना बीते वर्ष 13 अक्टूबर को महाराजगंज बाजार में हुई थी। प्रतिमा विसर्जन के दौरान गाना बजाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद छिड़ गया था। इसी दौरान रेहुआ मंसूर गांव के निवासी राम गोपाल ने बाजार में रहने वाले अब्दुल हमीद की छत पर चढ़कर उस पर लगे हरे झंडे हटा दिए थे। इसके बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के बाद पूरे इलाके में जबरदस्त हिंसा भड़क उठी थी। लोगों ने कई मकानों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया था। जिला प्रशासन ने काफी प्रयासों के बाद स्थिति पर काबू पाया था। पुलिस ने साक्ष्य और गवाह एकत्रित कर आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। पुलिस ने इस मामले में महाराजगंज बाजार के अब्दुल हमीद, फहीम, सरफराज उर्फ रिंकू, मोहम्मद तालिब उर्फ सबलू, सैफ अली, जावेद खान, खुर्शीद, मोहम्मद जिशान उर्फ राजा उर्फ साहिल, शोएब खान, मोहम्मद अफजल उर्फ कल्लू, ननकऊ, मारुफ अली और शकील अहमद उर्फ बबलू को नामजद कर गिरफ्तार किया था। अदालत ने अब्दुल हमीद और उनके तीन बेटों सहित दस लोगों को धारा 103/2 के तहत दोषी माना है। फैसले से पहले मृतक राम गोपाल मिश्रा की पत्नी रोली मिश्रा ने कहा कि हमारे पति के कातिलों को फांसी की सजा होनी चाहिए।
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