अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि के 108 एकड़ विशाल क्षेत्रफल में फैले परिसर को पहली बार दो भागों में बांटने की तैयारी हो गई है। इस विभाजन के लिए बाउंड्री वाल का निर्माण शुरू करा दिया गया है। यह बाउंड्री वाल आदि गुरु शंकराचार्य द्वार के दक्षिण में निर्माणाधीन आडीटोरियम और गेस्ट हाउस के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कार्यालय का निर्माण कार्य चल रहा है। इस पूरे क्षेत्र में पंचवटी के 10 एकड़ भू-भाग को मिलाकर इसके चारों ओर बाउंड्री खड़ी की जानी है। बाउंड्री की शुरुआत गोकुल भवन की तरफ से हो चुकी है और बाउंड्री निर्माण की निर्माण एजेंसी इंडिया इंजीनियरिंग लिमिटेड (आईईएल) ने यहां पाइलिंग का काम शुरू कराया है। यह पाइलिंग सतह से 20 मीटर की गहराई तक की जा रही है। सूत्रों के अनुसार यहां निर्माणाधीन कार्यालय में भविष्य में तीर्थ क्षेत्र से जुड़े सभी आफिशियल कार्य जिसमें लेखा विभाग भी शामिल हैं, को शिफ्ट किया जाएगा। बताया गया कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर में कार्यरत तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी), सुग्रीव किला के निकट कार्यरत तीर्थ यात्री सेवा केंद्र (पीएससी) के अलावा रामघाट कार्यशाला में संचालित हो रहा लेखा विभाग इन सभी को यहां शिफ्ट किया जाएगा। बताया गया कि इसके चलते यहां निर्माणाधीन कार्यालय के प्रस्तावित भूतल व प्रथम तल में एक तल अतिरिक्त जोड़ कर तीन तल कर दिया गया है। गायत्री भवन से शंकराचार्य द्वार के मध्य सम्पर्क मार्ग विकसित होगा
श्रीराम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन आडीटोरियम व गेस्ट हाउस के साथ तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के लिए नये रास्ते के निर्माण की भी तैयारी हो गयी है। यह नया रास्ता टेढ़ी बाजार से थाना राम जन्मभूमि होकर दुराही कुंआ जाने वाले मार्ग पर स्थित गायत्री भवन के सामने से बनाया जाएगा। 6 दिसंबर 1992 की घटना के पहले यह एक व्यस्त सम्पर्क मार्ग था लेकिन सात जनवरी 1993 को पारित अयोध्या विशेष एक्यूजीशन एक्ट के अन्तर्गत श्रीराम जन्मभूमि परिसर का अधिग्रहण केंद्र सरकार ने कर लिया था। इस अधिग्रहण की जद में यह सम्पर्क मार्ग भी आ गया। इसके कारण बैरीकेडिंग लगाकर रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया गया। बीते 33 सालों में यह रास्ता अपना अस्तित्व खो चुका है और यहां झाड़ियां उग आई है। बैरीकेडिंग हटाने का काम चल रहा
श्रीराम जन्मभूमि परिसर के 108 एकड़ से भी अधिक क्षेत्रफल में करीब 36 सौ मीटर लंबी बाउंड्री का निर्माण स्वीकृत है। अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों से लैस इस सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसके पहले सम्बन्धित क्षेत्रफल में त्रिस्तरीय बैरीकेडिंग को हटाने व झाड़ियों की सफाई का काम चल रहा है। हालांकि उत्तर -पूर्व के कोण में विश्वामित्र आश्रम के प्राचीन जर्जर भवन को ध्वस्त कर जमीन के समतलीकरण कराया जा चुका है। यहां से सुरक्षा दीवार निर्माण कराने के लिए नींव का उत्खनन शुरू हो गया है। इसके बाद अब उत्खनन के बाद यहां भी पहले फाइलिंग का काम शुरू किया जाएगा।
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