संभल में श्रीकल्कि कथा के वर्णन से पूर्व जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कल्कि अवतार की तिथि को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवान कल्कि का अवतार वैशाख शुक्ल की द्वादशी को ही होगा। नाग पंचमी पर कल्कि जयंती मनाने के सवाल पर जगद्गुरु ने कहा, ‘अगर कोई मूर्खता करता है तो मैं क्या करूँ?’ उन्होंने कल्कि पुराण का हवाला देते हुए अपनी बात दोहराई। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बताया कि कल्कि पुराण के प्रथम अंश के द्वितीय अध्याय के 15वें श्लोक में लिखा है: “द्वादशी शुक्ल पक्षस्य माधवे मासि माधवम्”, “जातम ददृशतुः पुत्रम् पितरौ हृष्टमानसौ”। इसका अर्थ है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वादशी को अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12 बजे माता सुमति और पिता विष्णु यश ने प्रकट हुए भगवान कल्कि के दर्शन किए या करेंगे। 4 तस्वीरें देखिए… उन्होंने जोर देकर कहा कि जब पुराण में स्पष्ट तिथि लिखी है, तो नाग पंचमी को कल्कि जन्मोत्सव मनाना मूर्खतापूर्ण है। गीता प्रेस के पंचांग में लंबे समय से नाग पंचमी पर कल्कि जयंती मनाने की परंपरा पर भी उन्होंने यही प्रतिक्रिया दी। इस दौरान, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने पश्चिम बंगाल में नई बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने के सवाल पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने इसे ‘बहुत बुरा’ बताया और कहा कि ऐसी ‘मनसा’ (इच्छा) पूरी नहीं हो पाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘नाममात्र की हिंदू’ और ‘वास्तव में भारत विरोधी महिला’ करार दिया। जगद्गुरु ने कहा कि उनका यह वक्तव्य सीधा ममता बनर्जी तक पहुंचाया जाए और उन्हें किसी का कोई डर नहीं है। 300 करोड़ रुपये से मस्जिद बनाने की बात पर उन्होंने कहा कि ‘कुछ नहीं होगा’।
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