राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने संसद में रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) और गंगा एक्सप्रेसवे से संबंधित मुद्दों को उठाया। उन्होंने मेरठ-दिल्ली RRTS के शेष हिस्से को जल्द शुरू करने और गंगा एक्सप्रेसवे पर औद्योगिक भूखंडों के आकार को लेकर चिंता व्यक्त की। सांसद वाजपेयी ने बताया कि दिल्ली-मेरठ के बीच 82 किलोमीटर का RRTS ट्रैक बनाया गया है, जिसमें से 56 किलोमीटर का हिस्सा पहले ही चालू हो चुका है। शेष स्टेशनों का काम भी पूरा हो गया है, लेकिन दिल्ली से खाली ट्रेनें ट्रायल के लिए आती-जाती रहती हैं और अभी तक यात्रियों के लिए सेवा शुरू नहीं की गई है। उन्होंने शहरवासियों के लिए जल्द मेट्रो सेवा शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि शेष भाग पर दिन में चार बार खाली ट्रेनें आती-जाती हैं, जिसका अर्थ है कि ट्रायल पूरा हो चुका है और स्टेशन भी बन चुके हैं। लाखों लोग इसके चालू होने का इंतजार कर रहे हैं। इससे न केवल समय बचेगा, बल्कि मेरठ महानगर को जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। दूसरा मुद्दा गंगा एक्सप्रेसवे से संबंधित था, जो यूपीडा द्वारा मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर की दूरी को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही, यूपीडा द्वारा बड़ी संख्या में औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किए जा रहे हैं। सांसद ने चिंता जताई कि इन औद्योगिक भूखंडों के आकार बहुत बड़े हैं, जिससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर को नुकसान हो सकता है। उन्होंने बताया कि 15,000 वर्ग मीटर के 10 प्लॉट, 20,000 वर्ग मीटर के 26 प्लॉट, 33,400 वर्ग मीटर के 24 प्लॉट और 2 लाख वर्ग मीटर के 22 प्लॉट हैं। डॉ. वाजपेयी ने आशंका व्यक्त की कि बड़े भूखंडों को लेने वाले लोग आगे सब-प्लॉटिंग करेंगे, जिससे लघु उद्यमियों और MSME सेक्टर का शोषण होगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि भूखंडों को छोटा करके सीधे MSME इकाइयों को सरकारी नियमों के तहत आवंटित किया जाए, ताकि इस सेक्टर को शोषण से बचाया जा सके।
https://ift.tt/NAr8FVM
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply