सुल्तानपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव के खिलाफ लोकायुक्त जांच में तेजी आई है। उप लोक आयुक्त ने अक्टूबर में जिलाधिकारी (डीएम) से प्राचार्य पर लगे आरोपों की जांच रिपोर्ट मांगी थी, जिसे 18 नवंबर तक भेजना था। सूत्रों के अनुसार, डीएम के आदेश पर पांच अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है। इसकी अध्यक्षता ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम लंभुआ गामिनी सिंगला करेंगी। समिति में आईएएस रिद्म आनंद, अपर उप जिलाधिकारी सदर, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और वरिष्ठ कोषाधिकारी शामिल हैं। जो कल से जांच शुरू करेंगे। यह जांच गोसाईंगंज के हयातनगर निवासी बृजेश उपाध्याय द्वारा 17 जून को की गई शिकायत के आधार पर शुरू हुई है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए सचिव डॉ. रीमा बंसल ने डीएम को मामले की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराकर तथ्यात्मक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। बृजेश उपाध्याय ने प्राचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पत्नी डॉ. संगीता श्रीवास्तव और पुत्र अनमोल श्रीवास्तव के नाम पर बेशकीमती भूखंड खरीदे। आरोप है कि पत्नी के नाम पर खरीदी गई जमीन के कागजात में पति के स्थान पर पिता का नाम दर्शाया गया, जबकि पुत्र के जमीन के दस्तावेजों में व्यवसाय के स्थान पर कृषि दर्ज कराया गया था, जबकि उस समय उनका पुत्र पढ़ाई कर रहा था। इसके अलावा प्राचार्य पर लीड रिसोर्स कंपनी के माध्यम से शासनादेशों का उल्लंघन कर आउटसोर्सिंग भर्तियां करने का भी आरोप है। शिकायत में कहा गया है कि कंपनी तीन वर्ष से कम पुरानी थी और उसका टर्नओवर भी 15 करोड़ रुपये से कम था, फिर भी प्राचार्य ने कथित तौर पर व्यक्तिगत लाभ के लिए उसे ठेका दे दिया। इस मामले की जांच में प्राचार्य के साथ-साथ कंपनी के जिम्मेदार और जिले के एक आईएएस स्तर के अधिकारी भी लोकायुक्त के दायरे में आ सकते हैं।
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