रमाला मिल परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें देश की समृद्धि, किसान कल्याण और सामाजिक उत्थान के लिए यज्ञ किया गया। इस कार्यक्रम में किसानों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके योगदान को रेखांकित करने के लिए दिया गया। किसानों ने बताया कि भारत रत्न चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन किसान, गाँव और कृषि के उत्थान को समर्पित रहा। उनका मानना था कि देश का किसान समृद्ध हुए बिना भारत सशक्त नहीं बन सकता। वे ग्राम आधारित अर्थव्यवस्था, कृषि को लाभकारी बनाने, किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और सामाजिक न्याय के समर्थक थे। चौधरी चरण सिंह ने सादा जीवन, उच्च विचार और ईमानदार राजनीति का उदाहरण पेश किया। उन्होंने सत्ता को सेवा का माध्यम माना और किसान, मजदूर तथा वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। उनकी जयंती के अवसर पर उपस्थित लोगों ने उनके सुझाए मार्ग—किसान हित, ग्राम स्वराज, सामाजिक समानता और राष्ट्र निर्माण—पर चलने का संकल्प लिया। इस दौरान उनके सपनों के भारत के निर्माण में योगदान देने की बात कही गई।
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