उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के बाद भी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह यूपी भाजपा के नेतृत्व की सूची में शामिल नहीं हैं। यूपी भाजपा की वेबसाइट में ‘हमारे नेतृत्व’ की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का नाम है। लेकिन राजनाथ सिंह का नाम सूची से गायब है। चंदौली के भभौरा गांव में जन्मे राजनाथ सिंह ने 1974 में भारतीय जनसंघ से राजनीतिक सफर की शुरुआत की। राजनीतिक सूझबूझ के चलते सियासी सफर में उन्होंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। समय के साथ-साथ संगठन और सरकार में हर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभाला। यूपी भाजपा के नेताओं में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद राजनाथ सिंह ही हैं, जिन्होंने भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश के शिक्षा मंत्री से लेकर देश के रक्षामंत्री तक मुकाम हासिल किया। राजनाथ से बड़ा किसी का कद नहीं
यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी के वाराणसी से सांसद हैं। लेकिन यूपी भाजपा के मौजूदा दौर में प्रदेश के भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों में राजनाथ सिंह से बड़ा किसी भी नेता का राजनीतिक कद नहीं है। राजनाथ के महत्व और राजनीतिक कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आरएसएस और भाजपा के तमाम नेता भी संकट के समय राजनाथ सिंह के पास ही पहुंचते हैं। राजनीति के जानकार मानते हैं कि संघ को भी पीएम मोदी तक अपनी बात पहुंचाने और उसे पूरा कराने के लिए राजनाथ सिंह को ही माध्यम बनाना होता है। इतना ही नहीं यूपी में सरकार और संगठन से जुड़ा कोई भी बड़ा निर्णय राजनाथ सिंह की सहमति के बिना नहीं होता है। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी को भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में प्रत्याशी घोषित करने से पहले केंद्रीय नेतृत्व ने राजनाथ सिंह के पास भेजा था। इससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शामिल डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी राजनाथ सिंह से दो बार मुलाकात की थी। अटल की विरासत संभाल रहे राजनाथ
राजधानी लखनऊ को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की परंपरागत सीट माना जाता था। अटलजी 1991 से 2009 तक लखनऊ के सांसद रहे। 2009 में लालजी टंडन ने लखनऊ से चुनाव जीता। लेकिन संघ ने 2014 में अटलजी की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए राजनाथ सिंह को चुना। राजनाथ के बेटे भी प्रदेश पदाधिकारी
राजनाथ सिंह के बड़े बेटे पंकज सिंह बीते 16 साल से भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी हैं। पंकज सिंह नोएडा से लगातार दूसरी बार विधायक भी हैं। इस मामले में सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अंकित सिंह चंदेल का कहना है कि राजनाथ सिंह जी का नाम होगा, नहीं है तो मैं देखता हूं। ————————— ये खबर भी पढ़ें… BJP के ब्राह्मण विधायकों पर भड़के पंकज चौधरी:कहा- ऐसी बैठक दोबारा नहीं हो; एक-एक MLA की क्लास लगाई यूपी में भाजपा के ब्राह्मण विधायकों की बैठक से पार्टी में खलबली मच गई है। नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी नाराज हो गए हैं। उन्होंने ब्राह्मण कुटुंब बनाने और बैठक में शामिल सभी ब्राह्मण विधायकों की क्लास लगाई है। पंकज चौधरी ने भाजपा विधायकों को सलाह के साथ चेतावनी भी दी है। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। चौधरी ने कहा- किसी तरह की नकारात्मक राजनीति का शिकार न बनें। भाजपा सिद्धांतों और आदर्शों वाली पार्टी है। इस तरह का कोई भी काम पार्टी के संविधान और आदर्शों के अनुकूल नहीं है। भाजपा और उसके कार्यकर्ता परिवार या वर्ग विशेष को लेकर राजनीति करने में विश्वास नहीं करते हैं। चेतावनी देते हुए चौधरी ने कहा- भविष्य में अगर भाजपा के किसी जनप्रतिनिधि ने इस तरह की गतिविधि को दोहराया तो इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा। पढ़ें पूरी खबर
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