सिद्धार्थनगर के सदर तहसील क्षेत्र की तेतरी खुर्द (उसका बाजार) सहकारी समिति में मंगलवार को यूरिया उर्वरक की कमी को लेकर किसानों ने जमकर हंगामा किया। रबी सीजन में गेहूं की पहली टॉप ड्रेसिंग के लिए खाद की बढ़ती मांग के चलते बड़ी संख्या में किसान समिति परिसर में एकत्र हो गए। जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसी दौरान मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर कल्याण सिंह मौर्य और स्वयं को सांसद प्रतिनिधि बताने वाले अनूप सिंह के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। इस दौरान का सामने आया है। एसडीएम सदर कल्याण सिंह मौर्य ने पूरे घटनाक्रम को लेकर प्रशासन का पक्ष स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि बुधवार को वह पकड़ी स्थित एक अन्य सहकारी समिति का निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान तेतरी खुर्द समिति के सचिव ने फोन कर सूचना दी कि लगभग 50 लोग समिति पर पहुंचकर जबरन यूरिया खाद देने का दबाव बना रहे हैं। हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए वह तत्काल पकड़ी से तेतरी खुर्द पहुंचे। नियमों के तहत वितरण पर अड़े एसडीएम एसडीएम के अनुसार, मौके पर मौजूद एक व्यक्ति ने स्वयं को सांसद प्रतिनिधि अनूप सिंह बताया और अपने साथ आए करीब 50 लोगों को तत्काल यूरिया देने की मांग की। इस पर एसडीएम ने स्पष्ट किया कि खाद का वितरण शासन द्वारा निर्धारित नियमों, पहले से जारी पर्चियों और प्राथमिकता सूची के अनुसार ही किया जाएगा। जिन किसानों की पर्चियां पहले से बनी हैं, उन्हें पहले खाद दी जाएगी। नियमों से हटकर किसी विशेष समूह को खाद देना अन्य किसानों के साथ अन्याय होगा, जिसे प्रशासन स्वीकार नहीं कर सकता। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक हो गई। अनूप सिंह ने आरोप लगाया कि बहस के दौरान एसडीएम सदर ने कहा कि “मैं सांसद प्रतिनिधि और सांसद को नहीं जानता हूं।” उनके अनुसार, इस बयान से विवाद और बढ़ गया और किसानों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने इसे जनप्रतिनिधियों और किसानों दोनों का अपमान बताया। आरोपों से एसडीएम का इनकार हालांकि, एसडीएम सदर कल्याण सिंह मौर्य ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी भी सांसद या जनप्रतिनिधि के लिए कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की। उनका कहना है कि एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उनका दायित्व नियमों के अनुसार निष्पक्ष रूप से कार्य करना है, न कि किसी पद या व्यक्ति के दबाव में निर्णय लेना। उनका पूरा जोर व्यवस्था बनाए रखने और सभी किसानों को समान रूप से खाद उपलब्ध कराने पर था। कालाबाजारी के आरोप, अनशन की चेतावनी वहीं सांसद प्रतिनिधि अनूप सिंह ने आरोप लगाया कि बरदहा और रेहरा सहकारी समितियों में पहले खाद घोटाले हुए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इन गांवों को तेतरी खुर्द समिति से अटैच किए जाने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सहकारी समितियों पर यूरिया की कालाबाजारी हो रही है और खाद 700 से 800 रुपये में बेची जा रही है। अनूप सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वह 18 तारीख से आमरण अनशन पर बैठेंगे। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आंदोलन करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन किसी भी दबाव में नियमों से समझौता नहीं किया जाएगा। एसडीएम सदर ने कहा कि यदि कालाबाजारी या अनियमितता की शिकायतें ठोस साक्ष्यों के साथ सामने आती हैं तो जांच कर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी
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