यूपी में SIR यानी वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण का काम पूरा हो गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी देर शाम तक SIR के पहले चरण के आंकड़े सार्वजनिक कर सकते हैं। देर तक डीएम ऑफिस से लेकर सीईओ दफ्तर तक गणना पत्रों के डिजिटलाइजेशन के काम को अंतिम रूप देने का काम चलता रहा। यूपी में निर्वाचन आयोग ने SIR का टाइम बढ़ाने की मांग दिल्ली चुनाव आयोग से की थी। भाजपा भी SIR के लिए और वक्त चाहती थी। हालांकि, आयोग ने तीसरी बार SIR की डेट नहीं बढ़ाई। प्रदेश में
एसआईआर के पहले चरण में गणना पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर थी। लेकिन 10 दिसंबर तक यूपी में काम पूरा नहीं होने के कारण सीईओ नवदीप रिणवा ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर दो सप्ताह का समय और मांगा था। आयोग ने सीईओ के आग्रह पर 15 दिन का समय बढ़ाया। इसके तहत 26 दिसंबर तक गणना पत्र जमा करने का काम पूरा करना था। 10 दिसंबर तक मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में 15.44 करोड़ मतदाताओं में से 99.14 प्रतिशत (12.40 करोड़) डिजिटाइजेशन का काम हो चुका था। 10 दिसंबर तक की रिपोर्ट के अनुसार 1.27 करोड़ मतदाता परमानेंट शिफ्ट कर गए थे। 45.95 लाख मतदाता मृतक माने गए थे। 23.59 लाख डुप्लीकेट मतदाता (कहीं ओर नाम जुड़ा हुआ) सामने आए थे। 84.73 लाख मतदाता अनुपस्थित या लापता मिले थे।9.57 लाख मतदाताओं ने गणना पत्र लिया लेकिन साइन करके वापस नहीं दिया था।
एसआईआर से पहले यूपी में 15.44 करोड़ मतदाता थे। अब देखना होगा कि एसआईआर के बाद मतदाताओं की संख्या कितनी होती है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में मतदाता कितने बढ़ते या कम होते हैं। अब आगे क्या होगा?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि निर्वाचन नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन अब 31 दिसंबर, 2025 को होगा। 31 दिसम्बर, 2025 से 30 जनवरी, 2026 तक दावे और आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। 31 दिसंबर 2025 से 21 फरवरी 2026 तक नोटिस चरण गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावों एवं आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन अब 28 फरवरी 2026 को किया जाएगा।
https://ift.tt/5KAwReH
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply