उत्तर प्रदेश में चल रही SIR प्रक्रिया के दौरान 5 बीएलओ की मौत पर राजनीति शुरू हो गई है। यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर इसकी न्यायिक जांच की मांग की है। आरोप लगाया है कि बीएलओ पर जाति–धर्म के आधार पर नाम काटने का दबाव बनाते हुए जल्द सूची तैयार करने के लिए कहा जा रहा है। इसके दबाव में लोगों की जान जा रही है। कांग्रेस ने यूपी जैसे बड़े प्रदेश में एक महीने की समय सीमा को कमतर माना है। इसे तीन महीने बढ़ाने की मांग की है। अधिकारी धमका रहे, कर्मचारी डर में मर रहे : अजय राय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पत्र में आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारी SIR की प्रक्रिया “किसी भी कीमत पर जल्दी पूरा करने” के दबाव में बीएलओ और कर्मचारियों को अवैध निर्देश दे रहे हैं। यहां तक कि जाति–धर्म देखकर मतदाता सूची से नाम काटने के लिए भी कहा जा रहा है। दावा किया कि अधिकारियों का यही दबाव बीएलओ के हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज और आत्महत्या जैसी घटनाओं की वजह बन रहा है। पत्र में हाल की 5 मौतों का हवाला दिया– एक महीने में SIR…UP जैसे बड़े राज्य में संभव नहीं अजय राय ने चुनाव आयोग को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि यूपी जैसे बड़े राज्य में एसआईआर के लिए एक माह का समय पर्याप्त नहीं है। अधिकारी खुद दबाव में हैं और वही दबाव नीचे तक “धमकियों के रूप में” पहुंच रहा है। कर्मचारियों पर बर्खास्तगी, विभागीय कार्रवाई, झूठी FIR और पुलिस उठवा लेने जैसी चेतावनियां दी जा रही हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि सभी मौतों की न्यायिक जांच हो। मृतक कर्मचारियों के लिखित, ऑडियो, वॉट्सऐप संदेशों को मृत्यु पूर्व कथन माना जाए। दोषी अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही यूपी में एसआई की प्रक्रिया को 3 महीने बढ़ाया जाए।
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