DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

यूपी में भाजपा क्या महिला अध्यक्ष देकर चौंकाएगी?:14 दिसंबर तक फैसले की उम्मीद, वरना 15 जनवरी के बाद होगी नियुक्ति

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर अब इंतजार तेज हो गया है। बीजेपी के 14 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी कुछ दिनों में पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मंथन शुरू कर दिया है। भाजपा ने यूपी में 14 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्ष नियुक्ति की दूसरी सूची बुधवार देर रात जारी की है। अब तक 98 में से 84 जिलों में जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिए हैं। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की बारी है। भाजपा चौंकाने वाले निर्णय के लिए जानी जाती है। रायशुमारी हो चुकी है, निर्णय बाकी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने यूपी के प्रमुख नेताओं से रायशुमारी कर ली है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने जनवरी में ही सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता, संजय राय, अमरपाल मौर्य, प्रियंका रावत सहित अन्य नेताओं से बातचीत की थी। सभी प्रमुख नेताओं से रायशुमारी के बाद तावड़े ने रिपोर्ट भी केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी थी। उसके बाद दिल्ली में भी सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह से रायशुमारी हो चुकी है। दिल्ली में मंथन, नेतृत्व जल्द फैसले के मूड में
बीजेपी के एक पदाधिकारी ने बताया- यूपी सहित जिन राज्यों में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अटकी हुई है, वहां नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर मंथन शुरू हो गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य नेता इस पर मंथन कर रहे हैं। यूपी में आगामी पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी नेतृत्व जल्द निर्णय करना चाहता है। सियासी समीकरण को साधने वाला होगा प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा के जानकार मानते हैं- यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति से पार्टी यूपी ही नहीं, बल्कि आसपास के प्रदेशों के सियासी समीकरण भी साधेगी। प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करते समय ध्यान रखा जाएगा कि हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, बिहार और मध्यप्रदेश में किन जातियों के नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। यूपी में ऐसी जाति का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा, जिसका संदेश पड़ोसी राज्यों तक जाए। राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर तेली (ओबीसी) समाज से हैं। हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली ब्राह्मण (सामान्य) वर्ग से हैं। मध्यप्रदेश के भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल वैश्य (सामान्य) से हैं। बिहार में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल कलवार (ओबीसी) वर्ग से हैं। हालांकि दिलीप जायसवाल को नीतीश सरकार में मंत्री बनाए जाने के कारण बिहार में भी बीजेपी को नया अध्यक्ष मिलेगा। दिल्ली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा हैं, दिल्ली में भी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है। उत्तराखंड में महेंद्र भट्‌ट ब्राह्मण (सामान्य) भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। अगड़े-पिछड़े में उलझी गुत्थी
बीजेपी के पदाधिकारी बताते हैं- यूपी में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अगड़े और पिछड़े वर्ग के बीच उलझी है। पार्टी के बड़े नेताओं का मानना है कि जब सीएम योगी आदित्यनाथ सामान्य वर्ग से हैं तो प्रदेश अध्यक्ष पिछड़े वर्ग से होना चाहिए। वहीं कुछ नेताओं का मत है कि 2017 की तर्ज पर प्रदेश अध्यक्ष और सीएम दोनों अगड़ी जातियों से होने चाहिए। किसी ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जानी चाहिए। एक साल में सामने आते रहे कई नाम
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बीते एक साल में कई नाम दौड़ में सामने आए हैं। पिछड़े वर्ग में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, राज्यसभा सदस्य एवं प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य, राज्यसभा सदस्य बाबूराम निषाद, राष्ट्रीय मंत्री रेखा वर्मा, पूर्व मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के नाम भी दौड़ में बताए गए। वहीं, अगड़े वर्ग में ब्राह्मण समाज से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, पूर्व डिप्टी सीएम एवं राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा, पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी, पूर्व मंत्री एवं मथुरा के विधायक श्रीकांत शर्मा, नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय का नाम भी चर्चा में सामने आया। दलित वर्ग से एमएलसी विद्यासागर सोनकर, पूर्व मंत्री रामशंकर कठेरिया, महिला कल्याण मंत्री बेबीरानी मौर्य और प्रदेश महामंत्री प्रियंका रावत के नाम भी सामने आए। बड़ा सवाल?… क्या महिला पर दांव खेलेगी भाजपा?
भाजपा ने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण की बात कही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों में अब तक केवल एक मात्र मणिपुर में शारदा देवी (महिला प्रदेश अध्यक्ष) हैं। उत्तर भारत या किसी भी हिन्दी भाषी राज्य में महिला प्रदेश अध्यक्ष नहीं हैं। भाजपा नेतृत्व को चौंकाने वाले निर्णयों के लिए जाना जाता है। जानकार मानते हैं कि यूपी में महिला प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर राष्ट्रीय नेतृत्व विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बड़ा गेम खेल सकता है। ये चौंकाने वाला दांव क्यों खेल सकती है भाजपा?
राजनीति के जानकार बताते हैं- भाजपा को पिछले कुछ चुनाव से महिला मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है। ताजा उदाहरण बिहार विधानसभा चुनाव है, जहां आधी आबादी ने एनडीए गठबंधन को प्रचंड जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 2027 में यूपी में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में भाजपा महिला कार्ड खेलकर आधी आबादी को साधना चाहेगी। …तो 15 जनवरी तक टल जाएगा मामला
भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया- राष्ट्रीय नेतृत्व भी धर्म, अध्यात्म और तिथि को देखते हुए ही निर्णय लेता है। प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का फैसला 14 दिसंबर तक नहीं हुआ तो फिर मामला 15 जनवरी तक टल जाएगा। 15 दिसंबर से 14 दिसंबर तक खरमास चलेगा, इस दौरान कोई शुभ कार्य और नियुक्तियां नहीं होती हैं। लिहाजा फिर प्रदेश अध्यक्ष 15 जनवरी या उसके बाद ही मिलेगा। ——————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी BJP को 14 जिलाध्यक्ष मिले, दागी मुखलाल को हटाया:5 पुराने चेहरों पर फिर जताया भरोसा, 14 जिलाध्यक्षों पर अब भी पेंच फंसा यूपी में भाजपा ने 14 नए जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी कर दी है। नए जिलाध्यक्षों में जातीय संतुलन साधने की कोशिश की गई है। इनमें सबसे ज्यादा 7 सामान्य, 6 पिछड़े और 1 अनुसूचित जाति से हैं। 14 में से 5 पुराने चेहरों पर दोबारा भरोसा जताया गया है। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के गृह जिले जालौन से उर्विजा दीक्षित और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के जिले कौशांबी से धर्मराज मौर्या को फिर जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा अलीगढ़ जिला में कृष्णपाल सिंह, अलीगढ़ महानगर से राजीव शर्मा और फिरोजाबाद जिला से उदय प्रताप सिंह पर भी पार्टी ने दोबारा भरोसा जताया है। पढ़ें पूरी खबर


https://ift.tt/bdwD2P3

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *