महिला शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल ने टीईटी की अनिवार्यता खत्म करने के लिये रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से दिल्ली में भेंट कर ज्ञापन दिया। बताया कि टीईटी की अनिवार्यता से प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों के दो लाख शिक्षकों की नौकरी पर संकट गहरा गया है। उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य की अगुवाई में शिक्षक संघ की महिला शिक्षक प्रतिनिधि मंडल ने रक्षामंत्री को शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के प्रावधानों की जानकारी दी। अवसाद में शिक्षक, सरकार करें मदद शिक्षिकों ने उन्हें बताया कि 2010 से पहले नियुक्त सभी शिक्षक वैधानिक रूप से मान्य हैं। नियुक्ति के समय सभी अर्हता पूरी की हैं। अब शिक्षकों पर टीईटी अनिवार्यता थोपकर उनके साथ घोर अन्याय किया जा रहा है। सुलोचना के बताया कि देशभर में यूपी के दो लाख समेत देश के 18 लाख से अधिक शिक्षकों की नौकरी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संकट गहरा गया है। शिक्षक अवसाद में हैं। रक्षामंत्री से शिक्षकों ने आग्रह किया कि केन्द्र सरकार विशेष संशोधन विधेयक लाकर टीईटी की अनिवार्यता को खत्म करे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शिक्षकों की सभी बातें सुनी और आवश्यक एवं सकारात्मक उचित कार्रवाई आश्वासन दिया।
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