DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

यूपी के मत्स्य विभाग में बड़ा घमासान:मंत्री-डीजी आमने-सामने, आदेश बदलने पर बढ़ा विवाद

उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग में मंत्री और महानिदेशक के बीच टकराव अब खुले विवाद में बदल गया है। विभागीय पटल बदलने से शुरू हुआ तनाव अब आदेशों के उलट जारी होने, दौरा टीम बदलने और प्रशासनिक शक्ति-संघर्ष तक पहुँच गया है। शुक्रवार को ‘वन ट्रिलियन इकॉनमी प्रशिक्षण अभियान’ के लिए मंत्री द्वारा निर्देशित अधिकारियों की जगह महानिदेशक द्वारा दूसरी टीम भेजने से विवाद चरम पर पहुंच गया। पटल बदलने से शुरू हुआ था विवाद, स्वजातीय अधिकारियों को लाभकारी स्थान देने का आरोप मत्स्य विभाग में विवाद की शुरुआत नए महानिदेशक (डीजी) के कार्यभार संभालने के तुरंत बाद हो गई थी। विभाग के भीतर यह चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि डीजी ने कथित रूप से स्वजातीय अधिकारियों को लाभकारी पटल सौंपे। इसी के समानांतर संयुक्त निदेशक अनिल कुमार द्वारा विभागीय नियंत्रण अपने हाथ में लेने की कोशिशों ने तनाव को और बढ़ा दिया।मंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि विभागीय कामकाज केवल “प्रॉपर चैनल” से ही चलेगा और किसी अधिकारी को अतिरिक्त प्रभाव नहीं दिया जाएगा। मंत्री के वाहन से शुरू हुआ विवाद, आदेश पलटने तक पहुंची खींचतान सूत्रों के अनुसार, मंत्री को मिलने वाले विभागीय वाहन को लेकर अधिकारियों के बीच पहली बार टकराव खुलकर सामने आया था। इसके बाद पटल परिवर्तन, फाइलें रोकने, और मंत्री के आदेशों को संशोधित करके जारी करने तक की घटनाएँ सामने आईं, जिनसे विभाग में अंदरूनी तनाव बढ़ता गया। ‘वन ट्रिलियन इकॉनमी प्रशिक्षण अभियान’ पर नई जंग-मंत्री ने भेजी टीम, DG ने बदल दी नया विवाद तब भड़क गया जब मंत्री ने प्रदेशभर में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के लिए तीन लोगों जॉइंट डायरेक्टर अनिल कुमार, मत्स्य निरीक्षक प्रवीण श्रीवास्तव,को नामित किया था। मंत्री का स्पष्ट निर्देश था कि यह टीम जिलों में जाकर मत्स्यपालकों को प्रशिक्षण देगी। लेकिन 5 दिसंबर को महानिदेशक द्वारा जारी आदेश में इस टीम को बदलते हुए निदेशक मत्स्य एन.एस. रहमानी, उर्दू अनुवादक नूरैन खानको प्रशिक्षण दौरे पर भेज दिया गया। यानी मंत्री के आदेश को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया। डीजी का तर्क “प्रशासनिक व्यवस्था” के आधार पर लिया गया निर्णय महानिदेशक धनलक्ष्मी के द्वारा जारी आदेश में लिखा गया कि प्रमुख सचिव मत्स्य के निर्देश है कि प्रशासनिक व्यवस्था के आधार पर समुचित कार्यवाही की जाए के अनुसार यह बदलाव किया गया। साथ ही यह तर्क दिया गया कि निरीक्षक प्रवीण श्रीवास्तव निदेशालय में भंडार, वाहन संचालन और जलाशयों के महत्वपूर्ण कार्य देखते हैं, इसलिए उन्हें दौरे से मुक्त रखा गया। उनकी जगह नूरैन खान (उर्दू अनुवादक) को नामित किया गया है। विभाग में तेज चर्चा: क्या फूट और गहरी हो रही है? दौरा टीम बदलने के बाद विभाग में सवाल उठ रहे हैं कि महानिदेशक द्वारा बार-बार मंत्री के आदेशों में संशोधन करना सत्ता-संतुलन की लड़ाई का हिस्सा है या प्रशासनिक विवशता।अंदरखाने चर्चा है कि विभाग दो खेमों में बंटता जा रहा है एक तरफ मंत्री का आदेश, दूसरी ओर महानिदेशक का निर्णय। परिणाम: 6 दिसंबर से शुरू होने वाले कार्यक्रम पर सस्पेंस डीजी द्वारा बदली गई टीम को 6 दिसंबर से शुरू होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनिवार्य उपस्थिति का निर्देश दिया गया है।लेकिन मंत्री की ओर से आदेश बदलने को लेकर नाराजगी जताने की संभावना भी जताई जा रही है। मत्स्य विभाग की इस खींचतान का सीधा असर अब प्रदेशभर में होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर पड़ता दिख रहा है।


https://ift.tt/RahCuOZ

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *