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यूट्यूबर अनुराग ने खुद को बेगुनाह बताया:कहा- डिपार्टमेंट ने घर वालों के साथ जो बर्ताव किया, वह गलत; 10 करोड़ की कारें और बैंक खाते फ्रीज

डिपार्टमेंट ने घर वालों के साथ जो बर्ताव किया है, वह गलत है। मेरे परिवार से कहा गया कि मैं सट्टेबाजी, 2 नंबर का काम करता हूं। जब तक आपके पास कोई प्रूफ नहीं है, आप यह बात कैसे कह सकते हैं। मैं 10 साल से मेहनत कर रहा हूं। एक-एक सब्सक्राइबर बहुत मेहनत से आता है। मैं सालाना 5 करोड़ रुपए टैक्स देता हूं। ये कहना है उन्नाव के यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी का, ED ने उनकी 10 करोड़ कीमत की लेंबोरगिनी, BMW, मर्सिडीज और थार जब्त की है। 25 साल के अनुराग और उनके घरवालों के सभी बैंक खाते सीज कर दिए हैं। लेन-देन की भी जांच हो रही है। 22 नवंबर को उसने दुबई की क्रूज पर शादी की थी। इसके बाद जांच एजेंसियों की रडार पर आया। अनुराग का कहना है कि ऐसा नहीं है मैंने एक वीडियो बनाई। आईपीएल के टाइम पर मैंने साढ़े तीन हजार वीडियो बनाई है। तकलीफ इस बात की है कि मुझे वीडियो डिलीट करने पड़े थे, नहीं तो दुनिया को दिखाता कि मैं कहां से कहां आया हूं। दैनिक भास्कर ने बातचीत करके अनुराग का पक्ष जाना, पढ़िए पूरी रिपोर्ट… ’10 साल से लोगों की मदद कर रहा’
भास्कर की टीम से फोन पर बातचीत में यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी ने कहा- मेरा उन्नाव से सीधा जुड़ाव बहुत सीमित रहा है। मैं उन्नाव सिर्फ तीन-चार बार ही गया हूं। एक बार पिज्जा खाने और एक बार गाड़ी के काम से आरटीओ ऑफिस। पहले मैं रोज उन्नाव आता-जाता था, लेकिन लखनऊ शिफ्ट होने के बाद मेरा उन्नाव आना-जाना लगभग बंद हो गया। 10 साल से ऐसा कोई साल नहीं, जब ठंड के सीजन में दो-ढाई हजार कंबल ना बांटा हो। हमारे जान पहचान में किसी बहन-बेटी की शादी में मदद ना की हो। ‘मेरे परिवार के साथ गलत व्यवहार किया गया’
अनुराग ने कहा कि जब तक किसी विभाग के पास ठोस सबूत या प्रमाण न हों, तब तक सार्वजनिक रूप से यह कहना कि मैंने सट्टेबाजी या गैरकानूनी काम किए हैं, पूरी तरह गलत है। जिस तरह से मेरे परिवार के साथ व्यवहार किया गया, उससे घरवाले घबरा गए हैं। मेरे परिवार को कैमरे का सामना करने की आदत नहीं है, इसलिए वे मीडिया से डरते हैं। मैं जहां-जहां लोगों के बीच जाता था, वहां लोगों को हमेशा ईमानदारी से टैक्स भरने की सलाह देता था। मेरा मानना है कि टैक्स देने से व्यक्ति देश के विकास में योगदान देता है। समाज में सम्मान के साथ सिर उठाकर खड़ा हो सकता है। जिनकी इनकम नहीं, उन्हें भी रिटर्न फाइल करना चाहिए
अनुराग का दावा है कि वह सालाना करीब 5 करोड़ रुपए टैक्स देते हैं। उन्होंने अपने पूरे परिवार और परिचितों को भी टैक्स फाइल करने के लिए प्रेरित किया। यहां तक कि जिनकी इनकम नहीं होती थी, उन्हें भी रिटर्न फाइल करने की सलाह दी, ताकि वे कानून के दायरे में बने रहें। साल 2020 में जब आईपीएल बीच में रुक गया था और कोरोना काल के दौरान लोगों को बीमार और परेशान देखा, तब नवाबगंज में अपनी निजी कमाई से एक एम्बुलेंस दान की थी। यह एम्बुलेंस आज भी नगर पंचायत में खड़ी है और जरूरतमंदों की सेवा में इस्तेमाल हो रही है। एम्बुलेंस को जल्दी उपयोग में लाने के लिए उन्होंने अतिरिक्त पैसे भी दिए थे, ताकि लोगों को इंतजार न करना पड़े। उस समय सांसद भी मौजूद थे। ऐसा कोई क्रिकेटर नहीं, जिसने फैंटेसी गेम कंपनी ने साइन ना किया हो
अनुराग ने बताया कि डिपार्टमेंट को यह तक नहीं पता कि 2 महीने पहले ही फैंटेसी गेम बंद हो चुका है। उससे पहले तक तो यह लीगल था ना। महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, विराट कोहली, हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह, शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़, सौरव गांगुली…हिंदुस्तान में ऐसा कौन‑सा क्रिकेटर बचा है, जिसे किसी न किसी फैंटेसी गेम कंपनी ने साइन न किया हो? लगभग सभी ने साइन किया है। इन लोगों का कहना है कि अगर यह सब इलीगल था, तो फिर महेंद्र सिंह धोनी ने कितने सौ करोड़ रुपए कमाए होंगे। विराट कोहली ने कितना पैसा लिया होगा। रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह, शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़ और सौरव गांगुली सबने कितने पैसे लिए होंगे। अगर यह अवैध था, तो फिर सबसे वसूली करिए। जितने लोगों ने कमाया है, सबसे पैसा वसूलिए। सबकी जिंदगी खत्म कर दीजिए, जो भी उनके पास है, सब छीन लीजिए। क्योंकि ये लोग तो 2011-12 से ही पैसे ले रहे हैं। तब तो उन्हें भी कहना चाहिए कि भाई पिछले 15 साल में जितनी भी कमाई हुई है, सब वापस कर दीजिए। समझ में नहीं आ रहा कि यह किस तरह का डिपार्टमेंट है। मेरे पास जो भी पैसा आया है, वह सब बिल के साथ, वैध कंपनियों से आया है। ये कंपनियां-Game 247 जैसी सब यूनिक और रजिस्टर्ड कंपनियां हैं। घरवालों को काम-कमाई के बारे में जानकारी नहीं
अनुराग ने कहा कि उनके घरवालों को उनके कामकाज और कमाई के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। वह 7-8 साल की उम्र में ही नवाबगंज आ गए थे। इसके बाद उन्होंने सीएमएस से पढ़ाई की। रोज सुबह छह बजे टाटा मैजिक से लखनऊ जाते थे और शाम चार-पांच बजे वापस लौटते थे। इस वजह से वह परिवार के साथ ज्यादा समय नहीं बिता पाए। हफ्ते में सिर्फ एक दिन गांव जाना होता था, जिससे घरवालों को उनके जीवन की ज्यादा जानकारी नहीं हो सकी। उन्होंने पढ़ाई पूरी नहीं की। 9वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया था और काम करना शुरू कर दिया। बाद में वह फैंटेसी क्रिकेट से जुड़ गए। उन्होंने बताया कि फैंटेसी क्रिकेट में एक दिन में छह से दस मैच होते थे, जिनमें वह पूरी तरह व्यस्त रहते थे। इसके बाद वह लखनऊ शिफ्ट हो गए। उनके पास कुल 8 गाड़ियां थीं, जिनमें डिजायर, बीएमडब्ल्यू, फोर्ड एंडेवर, मर्सिडीज, थार, जेड-4, डिफेंडर और लेंबोरगिनी शामिल थीं। बाद में जेड-4 और डिफेंडर को बेच दिया गया, जबकि बाकी गाड़ियां उनके पास रहीं। ‘जिन्हें टैक्स दिया, आज वही तलवार लेकर खड़े’
जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद अनुराग ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा- सफर यहां तक आसान नहीं था। एक नहीं, दो नहीं, करोड़ों ने हाथ खींचे। किसी ने पैर, किसी ने दिल, दिमाग, शरीर, आत्मा… सब पर जोर लगाया। संघर्षों के रास्ते चुने। खुद के लिए कभी जिया ही नहीं, मेरे साथी पास थे। जबकि बड़े-बड़े टेबल पर ऑफर पड़े थे। 2025 में विभाग को मुझसे न जाने क्या समस्या हुई, जिन्हें इतना टैक्स दिया। आज देखो, हर तरफ वही तलवार और भाला लेकर खड़े हैं। उन्हें अपनी मजबूरी कैसे बताऊं, अपनी जरूरतें कैसे जताऊं… जब सही चीज़ को गलत साबित करने पर वो अड़े हों। अनुराग पर कार्रवाई अचानक नहीं, 3 जून को दर्ज हुई थी FIR ED की कार्रवाई कोई अचानक उठाया गया कदम नहीं था। 3 जून को सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने पश्चिम बंगाल, नई दिल्ली, बिहार और असम में एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई डिजिटल डिवाइस और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे। इस FIR में 10 नामजद आरोपियों में अनुराग द्विवेदी का नाम भी शामिल था। उसी दिन विशाल भारद्वाज, सोनू कुमार और अभिषेक बंसल को गिरफ्तार किया गया था। जांच में सामने आया कि सट्टेबाजी से जुड़े लेनदेन के लिए 1130 म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया। इन खातों में कुल 10.20 करोड़ रुपए की संदिग्ध राशि पाई गई। मामले में ईडी ने 1 अगस्त को 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद कोर्ट ने प्री-कॉग्निजेंट ऑर्डर जारी कर दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि जांच एजेंसी को प्रथम दृष्टया ठोस साक्ष्य मिले हैं। इसी मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में 19 दिसंबर को ईडी ने कई चर्चित हस्तियों की संपत्तियां कुर्क की। एक अवैध सट्टेबाजी एप से जुड़े धन शोधन मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह, रॉबिन उथप्पा, तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती और अभिनेता सोनू सूद की संपत्तियों को कुर्क की गई हैं। इन संपत्तियों की कुल अनुमानित कीमत 1000 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत अंतरिम आदेश जारी होने के बाद अभिनेत्री नेहा शर्मा, मॉडल और अभिनेत्री उर्वशी रौतेला की मां और बांग्ला अभिनेता अंकुश हाजरा की संपत्तियां भी कुर्क की गई हैं। ———————— ये खबर भी पढ़िए यूट्यूबर से लैंबॉर्गिनी-मर्सिडीज समेत 10Cr की कारें जब्त:दुबई में शादी के बाद से ED की नजर थी; कभी साइकिल पर चलता था, अब करोड़ों की संपत्ति यूपी के उन्नाव जिले का यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर है। जांच एजेंसी ने उनकी लैंबॉर्गिनी, BMW, मर्सिडीज और थार जब्त की है। इन लग्जरी कारों की कीमत 10 करोड़ रुपए बताई जा रही है। 25 साल के अनुराग और उनके घरवालों के सभी बैंक खाते सीज कर दिए हैं। इन खातों से हुई लेन-देन की जांच भी शुरू कर दी है। पढ़ें पूरी खबर


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