अम्बेडकरनगर के सम्मनपुर थाना क्षेत्र का शांत वातावरण और ग्रामीण सादगी के लिए पहचाना जाने वाला पलई कल्यानपुर गांव 23 नवंबर की रात उस समय सिहर उठा। जब पता चला कि उक्त गांव निवासी 35 वर्षीय विपुल सिंह की संदिग्ध हालात में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना इतनी भयावह थी कि गांव में आज भी दहशत और तनाव व्याप्त है। पुलिस ने इस मामले में नामजद तीनों आरोपियों केशवपुर कटुईया निवासी रामतीर्थ, उनकी पत्नी और बेटे अतुल को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस गिरफ्तारी के बाद भी कई सवाल हवा में तैर रहे है। मृतक के परिजनों ने पुलिस के सामने जो आरोप लगाए है, उन्होंने मामले को और पेचीदा बना दिया है। परिवार का कहना है कि यह कोई आकस्मिक झगड़ा नहीं बल्कि “सोची-समझी साजिश” के तहत की गई हत्या है। उनके अनुसार आरोपी परिवार लंबे समय से गांव में अपनी दबंगई के लिए कुख्यात रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि रामतीर्थ और उसका परिवार आए दिन मारपीट, गाली-गलौज और धमकियों से माहौल बिगाड़ते रहते थे। उनके खिलाफ पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन कार्रवाई न होने से उनके हौसले लगातार बढ़ते गए। आरोपी पक्ष का दावा था कि विपुल नशे में उनके घर में घुस आया था, इसलिए ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पीटा।, लेकिन मृतक परिवार की बात अलग कहानी कहती है। विपुल के चाचा और अन्य रिश्तेदारों का कहना है कि सड़क पर मामूली कहासुनी के बाद आरोपी परिवार उसे जबरन खींचकर अपने घर लेकर गया। वहां उसे रस्सी से बांधा गया और बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी जान चली गई। इस दिल दहला देने वाली घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े किए है कि क्या गांवों में मनबढ़ और दबंग तत्वों पर प्रशासन का नियंत्रण कमजोर पड़ गया है। बड़ा सवाल यह कि विपुल सिंह की मौत की असल कहानी आखिर क्या है। ये कई सवाल ऐसे जिनसे अभी पर्दा उठना बाकी है।
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