”हमारे वार्ड में यादव और मुस्लिम ज्यादा हैं। इसीलिए मेयर हमारे क्षेत्र की ओर ध्यान नहीं देती हैं। तीन साल में उन्होंने क्षेत्र में एक भी काम नहीं कराया। हमारे पार्षद ने जब हमारे हक की बात की, तो उसे भी सस्पेंड कर दिया गया। अब हम सभी नगर निगम में धरना देंगे।” यह कहना है ग्वालटोली वार्ड-4 के निवासियों का, जिनके मन में महापौर की कार्रवाई के बाद से गुस्सा भरा हुआ है। इलाके के लोगों का कहना है कि नगर निगम का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। लेकिन इस 3 साल में एक रुपए का बजट भी उनके वार्ड के लिए पास नहीं किया गया है। यह सीधे तौर से उनके वार्ड की अनदेखी है। महापौर जानबूझकर उनके क्षेत्र के साथ ऐसा कर रही हैं। बाजार में टॉयलेट की जगह तक नहीं इलाके के लोगों का कहना है कि क्षेत्र में गंदगी की भरमार लगी रहती है। सफाई कर्मचारी भी नहीं दिए जा रहे हैं। इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या यह है कि ग्वालटोली बाजार में टॉयलेट तक नहीं है। पुरुषों को खुले में खड़े होकर टॉयलेट जाना पड़ता है। ऐसे में आने जाने वाली महिलाओं को परेशानी होती है। वहीं दूसरी ओर महिलाओं के लिए भी इलाके में कोई शौचालय नहीं है। कई परिवार ऐसे हैं, जो किराए के मकान में रहते हैं। उनके मकान में शौचालय की दिक्कत है। अगर इलाके में सामूहिक शौचालय हो तो उनकी समस्या का समाधान हो सकता है। लेकिन नगर निगम से बजट न मिलने के कारण उनके क्षेत्र की यह समस्या अटकी हुई है। यह बोले- ग्वालटोली मोहल्ले के लोग आदेश कैंसिल न हुए तो होगा आंदोलन इलाके के लोगों में वार्ड पार्षद के खिलाफ हुई निलंबन की कार्रवाई के प्रति काफी गुस्सा है। उनका कहना है कि मेयर प्रमिला पांडेय मनमाने तरीके से सदन को चलाना चाहती हैं और किसी की बात नहीं सुनती। लेकिन उन्होंने अगर इस आदेश को वापस नहीं लिया तो जनता सड़क पर उतरेगी और उनके खिलाफ अनशन और प्रदर्शन किया जाएगा। सरकार को मेयर के खिलाफ एक्शन लेना होगा। क्षेत्र की जनता के लिए लड़ते रहेंगे वार्ड-4 के पार्षद अंकित मौर्य ने कहा कि उनके क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का काफी आभाव है। इसलिए वह सदन में अपनी जनता की आवाज को उठा रहे थे। लेकिन उनके खिलाफ जानबूझकर कार्रवाई कर दी गई। लेकिन वह लगातार अपने क्षेत्र की समस्या को उठाते रहेंगे और पीछे नहीं हटेंगे।
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