मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह तड़के हुए भीषण सड़क हादसे के चौथे दिन भी जांच का सिलसिला लगातार जारी है। शुक्रवार सुबह करीब 8:00 बजे इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन, फरीदाबाद की विशेष टीम दुर्घटनास्थल पर पहुंची और करीब तीन घंटे तक बारीकी से जांच की। यह हादसा यमुना एक्सप्रेसवे के माइल स्टोन 127 के पास हुआ था, जिसमें कई बसें दुर्घटनाग्रस्त होकर जल गई थीं। इंस्टीट्यूट की टीम ने हाथों में फीता लेकर घटनास्थल के पूरे क्षेत्र की नापतोल की। सड़क की चौड़ाई, बसों की स्थिति, टकराव के बिंदु और जले हुए हिस्सों का गहन निरीक्षण किया गया। जांच के दौरान मौके से जले हुए उपकरणों के साथ कुछ अहम नमूने और सबूत भी इकट्ठा किए गए, जिन्हें फॉरेंसिक और तकनीकी जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच के दौरान एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। जली हुई बसों में एक गैस सिलेंडर और गैस का चूल्हा मिला, जिससे हादसे के कारणों को लेकर नई आशंका उत्पन्न हो गई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने हादसे के समय तेज धमाके जैसी आवाज सुनने की बात कही थी, जिसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि कहीं गैस सिलेंडर में विस्फोट तो नहीं हुआ। हालांकि, जांच टीम ने फिलहाल इस पर कोई अंतिम निष्कर्ष देने से इनकार किया है। टीम ने घटनास्थल के आसपास हाईवे पर दौड़ रही कुछ डबल डेकर बसों को भी रोककर जांच की। इस दौरान बसों में रखे सामान, उनकी लंबाई और सुरक्षा मानकों का परीक्षण किया गया, जिसमें कुछ कमियां भी पाई गईं। इन सभी तथ्यों को जांच रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। रिपोर्ट के बाद होगा खुलासा इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन के एडमिनिस्ट्रेशन हेड इंजीनियर डॉ. मनोज कुमार और मीडिया हेड त्रिलोक सिंह ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद विस्तृत रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट सामने आने के बाद ही हादसे के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा। फिलहाल अलग-अलग विभागों की टीमें जांच में जुटी हुई हैं।
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