‘हम लोग के बाप-दादा तब से यहां रह रहे हैं, जब एक रुपए में रिक्शा चलता था। क्योंकि बंगाल में कमाई एक कोई जरिया नहीं था। अब हमें परेशान किया जा रहा है। मोदी जी से हमारी यही अपील है कि हमें शांति से रहने दें। हम कमा खा लेंगे। हमें सरकार से किसी मदद की जरूरत नहीं है।’ ये कहना है वाराणसी के माधोपुर इलाके में रहने वाले वीरभूमि पश्चिम बंगाल के रबीउल शेख का। रबीउल ने बताया वो 15 साल से वाराणसी में रोजी-रोटी कमा रहे हैं। चार महीने से हमसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। हमारी फोटो लगाकर हमें रोहिंग्या बताया जा रहा है। यह गलत है। वाराणसी में इस समय पुलिस ऑपरेशन टार्च चला रही है। इसमें रोहिंग्या और अन्य बांग्लादेशी संदिग्धों की तलाश की जा रही है। तीन दिन पहले वाराणसी पुलिस ने सिगरा के माधोपुर इलाके में छापेमारी की थी। यहां रह रहे पश्चिम बंगाल के 50 परिवारों से छानबीन और पूछताछ की थी। इसके बाद यहां के लोगों के डाक्यूमेंट्स जमा कराए गए हैं। इन सभी ने बंगाल के वीरभूमि से अपने डाक्यूमेंट्स मंगवाकर जमा करवाए हैं। दैनिक भास्कर ने माधोपुर पहुंचकर यहां रहे रहे पश्चिम बंगाल के वीरभूमि के लोगों से बात की। उनकी समस्या और उनकी मांग को जाना। पढ़िए रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए ये पश्चिम बंगाल में कहां के रहने वाले हैं और उनकी समस्या क्या है ? बाप-दादा बचपन में लेकर आये थे माधोपुर की इस बस्ती में रहने वाले जहीर शेख ने बताया – हम लोग 20 साल से यहां रह रहे हैं। बाप-दादा लेकर आये थे। पहले हम लोग कबाड़ बीनते थे। अब हमने कबाड़ की दुकान खोल ली है। हम लोग हर चार-पांच महीने पर अपने घर वीरभूमि चले जाते हैं। इसके बाद फिर महीना भर रहकर वापस आते हैं और यहां काम करने लगते हैं। हम लोग बचपन से यहां रह रहे हैं। कितने बच्चों की पैदाइश यहां की है। लेकिन वोटर लिस्ट में नाम वीरभूमि में है। पहले हमारे डॉक्यूमेंट वेरिफाई करें फिर आरोप लगाएं जहीर ने कहा – पुलिस कह रही की रोहिंग्या रह रहे या संदिग्ध हैं। तो पुलिस को वेरिफाई करना चाहिए। हमसे कागज मांगे गए तो हमने सब कागज जमा किए पुलिस इसे वेरिफाई करे। हमने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज जमा किए हैं। आप उस एड्रेस पर जाए और पता करें की हमारा मकान है कि नहीं हमारे बाप दादा का मकान है कि नहीं? उसके बाद आरोप लगाएं आप लोग। बाप-दादा यहां एक रुपए में रिक्शा चलाते थे जहीर शेख ने आगे बताया – बाप-दादा के समय में बंगाल में इतनी इनकम नहीं थी। यहां आकर उन लोगों ने रिक्शा चलाया। जिससे हम लोगों पाल-पोस कर इतना बड़ा किया।आज हम खुद कमा रहे हैं। जहीर ने बताया- यहां हमारा कुछ नहीं है। हम सिर्फ काम के सिलसिले से हैंं। हमारा आधार, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र सब बंगाल का है। पुलिस एक बार बंगाल जाकर भी हमारे दस्तावेज चेक कर ले बस्ती में कुल 35 परिवार रहते हैं। जाहिर ने बताया- अभी तक हम लोग चार बार कागज जमा कर चुके हैं। सिगरा पुलिस बंगाल जाकर भी जांच करके आ चुकी है। लेकिन जिस तरह से उस रत पुलिस आई थी। हम लोग चाह रहे हैं कि पुलिस एक बार बंगाल जाकर भी हमारे एड्रेस पर जांच कर ले, ताकि हम लोगों को सुकून मिल जाए। 25 साल पहले रिक्शा चलाने बंगाल से आये थे वाराणसी मुदु शेख ने बताया- हम वाराणसी 25 साल पहले आये और रिक्शा चलाना शुरू किया। उस समय कम किराया था। अब हम भी कबाड़ का काम कर रहे हैं। मुदु ने बताया- हम लोग वीरभूमि के रहने वाले हैं और यहां काम करके अपने परिवार का पेट चला रहे हैं। हम अपने कागज थाने में जमा कर चुके हैं। अब पुलिस बंगाल भी जाए और वहां भी एक बार चेकिंग कर ले हमारे डाक्यूमेंट्स की। हमारे डाक्यूमेंट्स में मौजूद हम भारतीय नबीउल शेख पिछले 15 साल से वाराणसी में हैं। नबीउल ने बताया पिछले चार-पांच महीने से कई बार आ चुकी है। लगातार हमारे डाक्यूमेंट्स लिए हैं। कुछ दिन पहले भी आई थी और हमारे डाक्यूमेंट्स ले गई है। लेकिन हमें रोहिंग्या कहा जा रहा है। बांग्लादेशी कहा जा रहा है। ये गलत है। —————— यह खबर भी पढ़िए… लखनऊ में डिप्टी CM आवास से युवक अरेस्ट:सिक्योरिटी से बोला- मैं दिल्ली BJP अध्यक्ष का प्रतिनिध; जांच में फ्रॉड निकला लखनऊ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास से फ्रॉड युवक पकड़ा गया। नोएडा का रहने वाला दशरथ पाल सिंह खुद को दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का प्रतिनिधि बताकर डिप्टी सीएम से मिलने पहुंचा था। सतर्कता टीम ने उसके व्यवहार और दस्तावेजों पर संदेह होने पर तुरंत जांच की और फर्जीवाड़े की पुष्टि होते ही उसे हिरासत में ले लिया। पढ़ें पूरी खबर….
https://ift.tt/tva5k2e
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply