लखनऊ मोतीनगर स्थित बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज में बुधवार को मानवाधिकार दिवस को समर्पित एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें छात्राओं को मानवाधिकारों की बुनियादी अवधारणा, उनके महत्व और रोजमर्रा के जीवन में उनकी उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ की सहायक आचार्य प्रो. मञ्जूषा तिवारी मुख्य वक्ता और अतिथि थीं। प्रो. तिवारी ने मानवाधिकार: हमारी रोजमर्रा की ज़रूरतें” विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि मानवाधिकार केवल कानूनी शब्द नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा, स्वतंत्रता और समानता को सुरक्षित रखने का वैश्विक वचन हैं। उन्होंने भोजन, पोषण, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आवास और सुरक्षित वातावरण को ऐसे अधिकार बताया, जिनके बिना किसी व्यक्ति का संपूर्ण विकास संभव नहीं। उन्होंने उचित वेतन, सुरक्षित कार्यस्थल, रोजगार का अधिकार और सांस्कृतिक स्वतंत्रता को भी मूल मानवाधिकार बताया। छात्राओं ने मानवाधिकार विषय पर स्लोगन तैयार की छात्राओं ने वक्ता से कई प्रश्न पूछे, जिनके सहज और तथ्यों पर आधारित उत्तर दिए गए।विद्यालय की प्राचार्या डॉ. लीना मिश्र ने मुख्य अतिथि प्रो. तिवारी को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि नागरिकों को भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे रोजमर्रा के अधिकार निर्बाध रूप से उपलब्ध होने चाहिए। पोस्टर प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित किया कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने पूनम यादव, मंजुला यादव और प्रतिभा रानी के निर्देशन में मानवाधिकार विषय पर स्लोगन और पोस्टर तैयार किए। स्लोगन प्रतियोगिता में मुस्कान कन्नौजिया, आराधना निषाद, सलोनी और मुस्कान को सम्मानित किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में मांडवी सिंह, सोनी सिंह, महक और आफरीन ने मेडल व प्रमाणपत्र जीते।इस अवसर पर उमा रानी यादव, उत्तरा सिंह, अनीता श्रीवास्तव, माधवी सिंह, रागिनी यादव, मीनाक्षी गौतम, रितु सिंह सहित विद्यालय की अन्य शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।
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