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मेरे बेटे को उठा दो मुझे बात करनी है:मथुरा सड़क हादसे में मारे गए तीनों दोस्तों का शव घर पहुंचा, भाई बोला- मुझे धोखा दिया

मेरा भाई मुझे अकेला छोड़कर चला गया। उसने मुझे धोका दिया है। उसके लिए शादी के रिश्ते आ रहे थे। लड़कियों की फोटो दिखाते उसे तो कहता भइया अभी कोई पसंद नहीं रहा है। अपनी भाभी से कहता- भाभी कोई लड़की अच्छी नही लग रही। ये कहना है मथुरा हादसे में मरने वाले तीन दोस्तो में निकुंज के भाई का। वहीं हादसे में मारे गए सौरभ की मां का भी रो-रोकर बुरा हाल है। वह शव से लिपटकर रोती हैं। फिर बेहोश हो जा रही हैं। सौरभ का शव जिस बॉक्स में रखा गया है। उसे पीट-पीटकर सौरभ की मां कहती हैं- सौरभ बेटा उठ जाओ, मुझसे बात करो, मेरे लाल उठ जाओ। कोई मेरे सौरभ को उठा दो। मुझे बात करना है अपने लाल से। यह कहते कहते वह बदहवास होकर गिर जाती हैं। परिवार के लोग उन्हें पानी का छीटा डालकर उठाते हैं। इसके बाद वह फिर से अपने बेटे के शव से लिपटकर रोने लगती हैं। मथुरा सड़क हादसे में जान गंवाने वाले तीनों दोस्त थे। तीनों शाहजहांपुर के जलालाबाद के रहने वाले थे। 800 मीटर के दायरे में ही तीनों का घर है। सोमवार देर रात पोस्टमॉर्टम के बाद तीनों का शव घर पहुंचा तो परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था। पहले हादसे की दो तस्वीरें देखिए अब जानिए पूरी घटना बता दें कि मथुरा में सोमवार सुबह शाहजहांपुर के रहने वाले तीन दोस्त सौरभ वर्मा ( 33), निकुंज गुप्ता (27) और राजन गुप्ता (31) ब्रेजा कार से वृंदावन जा रहे थे। कार जैसे ही थाना राया क्षेत्र में पहुंची, आगे चल रहे ट्रैक्टर में घुस गई। हादसे में सौरभ, निकुंज और राजन की मौत हो गई। करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस शवों को कार का शीशा तोड़कर निकाल पाई। इसके बाद उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। देर रात घर पहुंचे तीनों दोस्तों के शव पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद सौरभ वर्मा, निकुंज गुप्ता और राजन गुप्ता के शव को उनके घर पहुंचाया। परिजन और आसपास के लोग घर के बाहर खड़े होकर इंतजार कर रहे थे। शव पहुंचते ही जैसे लोगों के अंदर भरा गुबार फूट गया। सभी के परिजन चीख-चीख कर अपने बच्चों के लिए रोने लगे। तीनों की मां बेटों के शव से लिपट गईं। तीनों रोते हुए बार-बार बदहवास हो जा रही थीं। परिवार के लोग उन्हें संभालने में लगे थे। निकुंज का शव घर पहुंचा तो भाई का रो-रोकर बुरा हाल था निकुंज का शव एम्बुलेंस से जैसे ही उतरा उनका भाई भाई और मां-पिता बदहवास होकर गिरने लगे। आसपास के लोगों ने उन्हें संभाला। उनके चेहरे पर पानी की छींटे मारी। निकुंज का शव को देखकर भाई ने रोते हुए शव से लिपट गया और बार-बार कहता रहा- भाई तुमने मुझे धोखा दिया है। मुझे अकेला छोड़कर चला गया। वहीं भाभी ने रोते हुए कहा- भइया एक बार उठ जाइए, अब हमारे साथ कौन हंसेगा। वहीं सौरभ का शव सफेद चादर में लिपटा जब उनके घर पहुंचा। शव को आंगन में रखा गया तो उनकी मां और बहन उसके शव से लिपट कर रोने लगीं। पिता शव के पर सिर रखकर खामोश हो गए। सौरभ की मां बेटे के ताबूत को पीट रही थी। अपने हाथ से मानों ताबूत को तोड़कर बेटे को बाहर निकालना चाह रही हों। मुझे अपने बेटे से बात करनी है। सौरभ को कोई उठा दो मुझे उससे बात करनी है। इतना कहते कहते वह बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। बता दें की तीनों दोस्तों का मंगलवार यानी आज ढाई घाट पर एक साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। तीनों के परिवार में मातम छाया हुआ है। जवान बेटों के चले जाने से मां-बाप भाई बहन सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। 100 से 120 की स्पीड में थी कार पुलिस के मुताबिक, हादसे के वक्त ब्रेजा कार की स्पीड 100 से 120 किलोमीटर के बीच थी। ड्राइवर आगे चल रहे ट्रैक्टर की स्पीड का अंदाजा नहीं लगा पाया और कार उसमें घुस गई। कार के आगे का हिस्सा बीच की सीट में घुस गया। इससे आगे बैठे दोनों युवक उसमें फंस गए। इस बीच ड्राइवर ट्रैक्टर लेकर मौके से भाग गया। अब मरने वाले तीनों दोस्तों के बारे में जानिए ————————————————- ये खबर भी पढ़ेंः- शामली में 50 हजार का इनामी सामा एनकाउंटर में ढेर:सिपाही के हाथ में लगी गोली; अक्टूबर में पुलिस मुठभेड़ के बाद फरार हो गया था शामली में 50 हजार का इनामी बदमाश समयदीन उर्फ सामा मुठभेड़ में मारा गया है। एक सिपाही भी हाथ में गोली लगने से घायल हुआ है। पुलिस को देर रात इनपुट मिला कि समयदीन शामली में है और भागने की फिराक में है। इसके बाद पुलिस ने रात 2 बजे घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही उसने फायरिंग की। पढ़ें पूरी खबर…


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