मेरठ जिले में संचालित सभी पंजीकृत निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ अशोक कटारिया ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। मरीजों से जुड़ी लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सीएमओ कार्यालय ने व्यवस्थाओं में सुधार और नियमों के कड़ाई से पालन के आदेश दिए हैं। कुछ दिन पहले छात्र नेता ने किया था विरोध निजी अस्पतालों की मनमानी और विभाग की और से जारी गाइड लाइन का पालन निजी अस्पतालों द्वारा न किए जाने पर छात्र नेता विनीत चपराणा ने सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग थी। इसके बाद सीएमओ ने पत्र जारी किया है। इन नियमों का करना होगा पालन
-सभी निजी अस्पतालों को अपने मुख्य द्वार पर 5×3 फीट का डिस्प्ले बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। – अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नंबर, संचालक का नाम, बेड की संख्या, उपलब्ध चिकित्सा सेवाएं और डॉक्टर-नर्सिंग स्टाफ का पूरा विवरण अंकित होना चाहिए।
– अस्पतालों के मुख्य द्वार पर इलाज की रेट लिस्ट भी चस्पा होनी चाहिए, ताकि मरीजों को अनुमानित खर्च की जानकारी मिल सके और विवाद की स्थिति न बने। – डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ निर्धारित वेशभूषा में कार्य करें और मरीजों व उनके तीमारदारों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखें। – किसी भी बाहरी एम्बुलेंस चालक द्वारा मरीजों से दलाली नहीं होनी चाहिए। साथ ही अस्पताल अपने मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदने के लिए मरीजों को बाध्य नहीं कर सकेंगे।
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