मेरठ में साइबर ठगों का जाल तेजी से फैल रहा है, जिससे लोग अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं। लालच में फंसाकर ठग मीठी बातों, मोटे मुनाफे का झांसा और फर्जी विदेशी संपर्कों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस और जागरूकता अभियानों के बावजूद स्थिति गंभीर बनी हुई है, और अब ठगों का निशाना शहरी के साथ-साथ ग्रामीण इलाके भी बन रहे हैं। बृहस्पतिवार को मेरठ साइबर क्राइम थाने में तीन बड़े मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में एक महिला सहित तीन लोगों से कुल 48.73 लाख रुपये की ठगी की गई। सभी पीड़ितों को ऑनलाइन निवेश, विदेशी सामान भेजने और शेयर ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच देकर ठगा गया। पुलिस इन गिरोहों तक पहुंचने के लिए तकनीकी जांच कर रही है। पहला मामला टीपीनगर के शेखपुरा निवासी मोनी से जुड़ा है। प्लाट बेचने के बाद उनके खाते में 12 लाख रुपये थे। 7 नवंबर को उन्हें एक व्हाट्सऐप कॉल आया, जिसमें ठग ने खुद को इंग्लैंड निवासी बताकर विदेशी सामान भेजने का झांसा दिया। शुरुआत में मना करने के बावजूद, मोनी लालच में आ गईं और 19 नवंबर को बताए गए खाते में 11.55 लाख रुपये भेज दिए। सामान नहीं मिलने और ठग का नंबर बंद होने के बाद उन्होंने साइबर थाने में मामला दर्ज कराया। दूसरा मामला गढ़ रोड स्थित हसनपुर के कदीम निवासी सलाउद्दीन का है। उन्हें आकिब नामक युवक ने ‘वेल्थऑनगो’ ऐप से जोड़ा और आकर्षक निवेश योजनाएं बताईं। 8 जनवरी से 18 मार्च के बीच सलाउद्दीन और उनकी पत्नी के खातों से 18.55 लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए। बाद में ग्रुप बंद कर दिया गया और सभी संबंधित नंबर स्विच ऑफ हो गए। पुलिस ने इस संबंध में भी रिपोर्ट दर्ज कर ली है। तीसरा मामला सरधना के कुलंजन निवासी संदीप कुमार से संबंधित है। एक व्यक्ति ने उन्हें शेयर बाजार में बड़ा मुनाफा दिलाने का वादा किया। आरोपी ने संदीप का डीमैट खाता खुलवाकर 20 से 28 मार्च के बीच उनके खाते से 18.63 लाख रुपये निकाल लिए। आरोपी और ऐप दोनों अचानक बंद हो गए, जिसके बाद संदीप ने साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई।
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