मेरठ में एक सेवानिवृत्त शिक्षक के साथ 9.99 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। एक पालिसी एजेंट ने सात साल तक शिक्षक को फर्जी पालिसी रसीदें थमाकर उनकी जीवनभर की जमा-पूंजी हड़प ली। जब शिक्षक को धोखाधड़ी का पता चला और उन्होंने विरोध किया, तो एजेंट ने उन्हें धमकाया और रकम लौटाने के लिए दिया गया चेक भी बाउंस हो गया। इस मामले में थाना नौचंदी में नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। शास्त्रीनगर सेक्टर-9 निवासी 70 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक अता मोहम्मद ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2019 में वे एलआईसी कार्यालय में पालिसी कराने गए थे। तभी उनके पूर्व छात्र पंचवटी निवासी प्रमोद ने पुरानी पहचान का हवाला देते हुए पालिसी कराने का अनुरोध किया। प्रमोद ने अपनी पत्नी नीरज चौहान की एजेंसी के माध्यम से अता मोहम्मद की तीन पालिसी कराईं। शिक्षक हर महीने 13,872 रुपये की किश्तें प्रमोद को नियमित रूप से देते रहे। कुछ समय बाद शिक्षक को रसीदों की प्रामाणिकता पर संदेह हुआ। 25 सितंबर 2025 को दी गई एक रसीद लेकर जब वे एलआईसी कार्यालय पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि वह रसीद फर्जी थी और उनकी तीनों पालिसी वर्ष 2020 में ही बंद हो चुकी थीं। जब शिक्षक ने इस धोखाधड़ी का विरोध किया, तो एजेंट प्रमोद ने अपना फोन बंद कर लिया और गायब हो गया। 3 नवंबर को अता मोहम्मद रकम वापस मांगने प्रमोद के घर पहुंचे, जहां प्रमोद ने पैसे खर्च हो जाने का बहाना बनाया। इसके बाद शिक्षक ने थाना नौचंदी में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस के दबाव के बाद 9 नवंबर को आरोपी प्रमोद ने तीन लाख रुपये का चेक दिया और शेष राशि जल्द लौटाने का आश्वासन दिया, लेकिन वह चेक भी बाउंस हो गया। चेक बाउंस होने के बाद जब शिक्षक दोबारा पैसे मांगने प्रमोद के घर पहुंचे, तो प्रमोद, उसकी पत्नी नीरज और अक्षय ने उनके साथ अभद्रता की। उन्होंने शिक्षक को जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़ित शिक्षक ने डीएम और एसएसपी से शिकायत की, जिसके बाद थाना नौचंदी में आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस अब आरोपियों की तलाश कर रही है।
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