मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) द्वारा एक चर्च की विवादित भूमि पर नया मानचित्र (नक्शा) पास करने का मामला सामने आया है। यह नक्शा उस भूमि के लिए स्वीकृत किया गया है जिस पर पहले एक मानचित्र सिविल न्यायालय में वाद विचाराधीन होने के कारण निरस्त कर दिया गया था। सिविल लाइन स्थित अभिकर्मा बिल्डिंग के सामने चर्च की भूमि से संबंधित एक मानचित्र डेनियल एलबर्ट द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस भूमि पर दोनों पक्षों के बीच सिविल न्यायालय में वाद विचाराधीन होने के कारण, उपाध्यक्ष ने इस नक्शे को निरस्त करने का आदेश दिया था। डेनियल एलबर्ट ने इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक रिट याचिका दायर की थी, जिसे बाद में अपील दायर करने की स्वतंत्रता के साथ वापस ले लिया गया। इसके अतिरिक्त, डेनियल एलबर्ट द्वारा आयुक्त के न्यायालय में भी एक अपील दायर की गई है, जो वर्तमान में विचाराधीन है। इसी बीच, आरोप है कि डेनियल एलबर्ट ने एक साजिश के तहत प्राधिकरण को गुमराह किया और उसी भूखंड के लिए अजय मित्तल के नाम से एक नया मानचित्र आवेदन कराकर पास करवा लिया। इस संपत्ति से संबंधित कई वाद उच्च न्यायालय सिविल न्यायालय और माननीय राजस्व परिषद में अभी भी विचाराधीन हैं। न्यायालयों के स्थगन आदेश भी प्रभावी हैं। इन तथ्यों और न्यायालयों के स्थगन आदेशों के प्रभावी होने के कारण, संबंधित अधिकारियों से अपील की गई है कि विवादित संपत्ति को तत्काल निरस्त किया जाए। इसके साथ ही, जिले के सक्षम अधिकारी से पांच बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई। दूसरा जांच बिंदु यह है कि मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा अजय मित्तल का नक्शा जिस भूमि पर पास किया गया है और जिस पर अवैध निर्माण कराया जा रहा है, क्या वह वही संपत्ति है।
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