मेरठ में भारतीय किसान यूनियन (आजाद) ने महान जाट शासक महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस मनाया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नितिन बालियान के नेतृत्व में मॉल रोड स्थित डोगरा मंदिर के पास हवन और विचार गोष्ठी के साथ आयोजित किया गया। विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए चौधरी नितिन बालियान ने महाराजा सूरजमल को ‘जाटों का प्लेटो’ और ‘जाट यूलीसिस’ बताया। उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल भारतीय इतिहास के पराक्रमी, दूरदर्शी और कुशल शासक थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग 80 युद्ध लड़े और अधिकांश में विजय प्राप्त की। भरतपुर का लोहागढ़ किला, जिसे अंग्रेज भी नहीं जीत सके, उनकी अद्वितीय सैन्य प्रतिभा का प्रतीक है। पूर्व ब्लॉक प्रमुख भूपेंद्र सिंह बाफर ने महाराजा सूरजमल को महान हिंदू शासक के साथ-साथ सर्वधर्म समभाव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि उनके राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती थी। पानीपत के तृतीय युद्ध के बाद उन्होंने घायल और असहाय मराठा सैनिकों को शरण देकर भोजन व चिकित्सा उपलब्ध कराई, जो उनकी मानवीय सोच का परिचायक है। भाकियू (आजाद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शक्ति मलिक ने महाराजा सूरजमल की कूटनीतिक सूझबूझ की सराहना की। उन्होंने बताया कि महाराजा सूरजमल ने दिल्ली से आगरा तक एक शक्तिशाली जाट साम्राज्य की स्थापना की थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुशांत राठी ने डीग के जल महल और भरतपुर किले को उनकी स्थापत्य कला के बेजोड़ उदाहरण बताया। इस अवसर पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख भूपेंद्र बाफर, युवा जिलाध्यक्ष अंशु चौधरी, रेखा चौधरी, शक्ति मलिक, सुशांत राठी, शालू शर्मा, सोनिया उपाध्याय, प्रणव अहलावत, कुणाल चौधरी, विनय चौधरी, अंकुश बालियान, भोल्लर ढढरा, रौनक चौधरी, शैलेंद्र, अनुज फौजी, रोहित चौधरी और अनिल डागर सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
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