मेरठ में नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गांधी परिवार को मिली कानूनी राहत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय का घेराव करने का प्रयास किया। बृहस्पतिवार को मार्च कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने देहली गेट थाना क्षेत्र स्थित घंटाघर के पास रोक दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिससे कुछ समय के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई। बृहस्पतिवार शाम को कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर नारेबाजी करते हुए भाजपा कार्यालय की ओर बढ़ रहे थे। घंटाघर के पास भारी पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, जिसके कारण सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें आगे बढ़ने से रोका गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। एहतियातन कांग्रेस के मेरठ शहर कार्यालय को भी पुलिस छावनी में बदल दिया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट द्वारा ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार करना यह दर्शाता है कि जांच राजनीति से प्रेरित थी। अदालत ने स्पष्ट किया है कि जब सीबीआई ने कोई प्रेडिकेट ऑफेंस दर्ज नहीं किया है, तो मनी लॉन्ड्रिंग की जांच आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। कांग्रेस ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया। महानगर अध्यक्ष रंजन शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा पुलिस बल का उपयोग कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोककर अपनी विफलताओं को छिपा रही है। उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा ईडी के मामले में सुनवाई न करना यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है। घटना के बाद महानगर अध्यक्ष रंजन शर्मा, पूर्व महानगर अध्यक्ष जाहिद अंसारी और पूर्व जिला अध्यक्ष अवनीश सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने जिला कांग्रेस कार्यालय में एक प्रेस वार्ता की। नेताओं ने आरोप लगाया कि यह गांधी परिवार को फंसाने की साजिश थी।
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