मेरठ में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) कार्य में तैनात एक ब्लॉक लेवल अधिकारी (बीएलओ) ने वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव के कारण जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। भावनपुर थाना क्षेत्र के मुरलीपुर गांव निवासी मोहित चौधरी सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत हैं और उन्हें डोरली गांव में बीएलओ की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई थी। सुपरवाइजर आशीष शर्मा मोहित पर बना रहा था दबाव मोहित की पत्नी ज्योति चौधरी ने बताया कि उनके पति को एसआईआर कार्य के लिए कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। इसके बावजूद, उन पर गणना प्रपत्र (कैलकुलेशन फॉर्म) इकट्ठा करने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था। ज्योति के अनुसार, मोहित को एक घर में तीन बार जाने का निर्देश था, लेकिन वे छह-छह बार जा चुके थे, फिर भी लोग प्रपत्र जमा करने को तैयार नहीं थे। ज्योति चौधरी ने आरोप लगाया कि सुपरवाइजर आशीष शर्मा मोहित पर तहसील पहुंचकर रात में ही गणना प्रपत्र अपलोड करने का दबाव बना रहे थे। आज सुबह मोहित काफी परेशान थे। आशीष शर्मा ने कथित तौर पर मोहित से कहा कि जो लोग नहीं मिल रहे हैं, उनके एसआईआर फॉर्म पर वे खुद हस्ताक्षर कर दें और उन्हें अनुपस्थित दिखा दें। ट्रेनिंग के बिना ही 2758 बीएलओ पर 27 लाख आबादी का डेटा इकट्ठा करना मोहित चौधरी ने इस निर्देश को गलत बताते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया, क्योंकि प्रपत्रों पर उनके हस्ताक्षर होने थे। इस पर आशीष शर्मा ने कथित तौर पर जवाब दिया कि इसकी कोई जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी और जब अधिकारी मोहित को निलंबित करेंगे, तब उन्हें पता चलेगा। इसी तनाव के चलते मोहित चौधरी बिना कुछ खाए-पिए ड्यूटी के लिए निकल गए। शाम करीब 7:30 बजे घर लौटने के बाद उन्होंने छत पर जाकर जहरीला पदार्थ खा लिया। उनकी पत्नी ज्योति ने जब उन्हें मुंह से झाग निकलते देखा, तो शोर मचाया और मोहित को अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रशासनिक अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रहीहै।
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