मेरठ में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की मनमानी को लेकर छात्र नेता विनीत चपराना सोमवार को अपने समर्थकों के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय पहुंचे और निजी अस्पतालों द्वारा विभागीय निर्देशों की खुलेआम अवहेलना किए जाने को लेकर लिखित शिकायत सौंपकर सख्त कार्रवाई की मांग की। रेट लिस्ट हो सार्वजनिक- विनीत
छात्र नेता विनीत चपराना ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के स्पष्ट आदेशों के बावजूद अधिकांश निजी अस्पतालों में आज तक उपचार, जांच और ऑपरेशनों की रेट लिस्ट सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित नहीं की गई है। इसका खामियाजा सीधे मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इलाज शुरू होने के बाद परिजनों को मनमाने और अप्रत्याशित बिल थमा दिए जाते हैं, जिससे आम आदमी आर्थिक और मानसिक रूप से टूट जाता है। बिना मानक चल रहे अस्पताल
उन्होंने कहा कि शहर के घनी आबादी वाले इलाकों और तंग गलियों में ऐसे कई निजी अस्पताल और नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं करते। इन संस्थानों में न तो पर्याप्त चिकित्सा उपकरण हैं और न ही अग्नि सुरक्षा व आपातकालीन व्यवस्थाएं, जिससे मरीजों की जान हमेशा खतरे में बनी रहती है। अव्यवस्थित पार्किंग से बिगड़ रही ट्रैफिक व्यवस्था
विनीत ने कहा कि गढ़ रोड सहित अन्य व्यस्त मार्गों पर स्थित बड़े निजी अस्पतालों की अव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था ने शहर का माहौल बिगाड़ दिया है। अस्पतालों के बाहर सड़कों पर खड़े वाहनों के कारण अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है, जिसमें एम्बुलेंस तक फंस जाती हैं और गंभीर मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो छात्र और नागरिक संगठन आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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