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मेरठ बंद कल, पश्चिम ने हाईकोर्ट बेंच को भरी हुंकार:1000 से ज्यादा संगठनों के समर्थन का दावा, मेडिकल इमरजेंसी के अलावा सब रहेगा बंद

हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश ने हुंकार भरी है। इसके लिए कल मेरठ बंद का आह्वान किया गया है। यह पहला मौका है, जब हाई कोर्ट बेंच के आंदोलन को जन आंदोलन का रूप दिया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि कल यानी बुधवार को केवल मेरठ ही नहीं बल्कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में बंद का असर दिखाई देगा। हाईकोर्ट बेंच की 50 वर्ष पुरानी मांग पश्चिम उत्तर प्रदेश में सस्ते और सुलभ न्याय के लिए पिछले 50 वर्षों से हाईकोर्ट बेंच की मांग की जा रही है। अभी तक यहां की जनता को लगभग 700 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करना पड़ता है। कहीं ना कहीं अप्रत्यक्ष रूप से इसमें आर्थिक के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। सरकार बदलती रहीं, नहीं मिली बैंच समय-समय पर आंदोलन भी किए गए लेकिन पश्चिम को हाईकोर्ट बेंच नहीं मिली। क्योंकि आंदोलन केवल अधिवक्ताओं तक सिमट कर रह गए। सरकारें आती-जाती रही और लोक लुभावन दावे करती रही लेकिन किसी ने बेंच की मांग को पूरा नहीं किया। अब यह आंदोलन जन-जन का आंदोलन बन गया है और इसके तहत मेरठ बंद का आह्वान किया गया है। मेरठ बंद की तैयारियों की कुछ तस्वीर : 1000 संगठनों से मिला समर्थन हाईकोर्ट बेंच के आंदोलन को जन आंदोलन कहा जा रहा है। बुधवार को मेरठ बार एसोसिएशन ने पत्रकार वार्ता करते हुए इसको साफ कर दिया। अध्यक्ष संजय शर्मा और महामंत्री राजेंद्र सिंह राणा ने दावा किया कि बुधवार को होने वाले मेरठ बंद के समर्थन में जनता सामने आई है। लगभग 1000 से ज्यादा संगठनों ने मेरठ बंद की सफलता के लिए अपना समर्थन दिया है। यह मांग नहीं, पश्चिम की आवश्यकता पत्रकारों से वार्ता करते हुए अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट बेंच अधिवक्ताओं की मांग नहीं है बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आवश्यकता है। इससे बड़ी क्या बात होगी कि मेरठ से पाकिस्तान स्थित लाहौर हाईकोर्ट की दूरी भी भारत की इलाहाबाद हाईकोर्ट से बहुत कम है। ऐसी स्थिति में पश्चिम उत्तर प्रदेश की जनता आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण झेल रही है। जनता को मिले उसका अधिकार संजय शर्मा ने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 10 करोड़ है। ऐसे में यहां की जनता को भी सस्ता और सुलभ न्याय पाने का अधिकार है। उन्होंने बताया कि 1000 संगठनों का समर्थन पत्र बार एसोसिएशन को प्राप्त हो चुका है। सभी ने भरोसा दिलाया है कि इस बार मेरठ बंद को सफल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। यह ऐतिहासिक होगा और इसकी गूंज दिल्ली तक पहुंचेगी। 35 पॉइंट और 20 मोबाइल वैन सड़क पर मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि बुधवार को सुबह से ही अधिवक्ता सड़कों पर रहेंगे। 35 पॉइंट तैयार किए गए हैं, जहां अधिवक्ताओं की टीम मौजूद रहेंगी। इसके अलावा 20 मोबाइल गाड़ियां भी तैयार की गई हैं जो पूरे जिले में घूम-घूम कर मेरठ बंद को सफल बनाने के लिए जनता से सहयोग की अपील करेगी। अगर कहीं कोई बाजार या व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुला मिलता है तो यह टीम उन्हें बंद करने का काम करेंगी। मेडिकल इमरजेंसी के अलावा सब रहेगा बंद मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री राजेंद्र सिंह राणा ने बताया कि बुधवार को सभी बाजार बंद रहेंगे। संयुक्त व्यापार संघ समेत सभी व्यापारी संगठनों का समर्थन मिल चुका है। वह भी इन टीमों में शामिल रहेंगे। पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, डॉक्टर क्लीनिक, स्कूल-कॉलेज, मोटर डीलर्स एसोसिएशन, ई रिक्शा एसोसिएशन, ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन, मेडिकल स्टोर एसोसिएशन आदि बंद में शामिल हैं। केवल मेडिकल इमरजेंसी को छूट रहेगी।


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