सेवानिवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर्स कल्याण संघ उत्तर प्रदेश ने अपनी लंबित मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पेंशनभोगियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग की गई है। यह प्रदर्शन केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर किया गया, क्योंकि केंद्र और प्रदेश सरकारों के संज्ञान में लाने के बावजूद समस्याओं का निराकरण नहीं हो सका है। संघ की प्रमुख मांगों में आठवें वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों में पेंशन एवं पेंशनरी लाभों को शामिल करना है। वर्तमान में इन्हें वेतन आयोग के दायरे से बाहर रखा गया है, जिस पर संघ ने आपत्ति जताई है और पेंशनरों के हितों को सुरक्षित रखने का अनुरोध किया है। इसके अतिरिक्त, कोरोना काल में रोके गए 18 माह के महंगाई भत्ते (DA) का भुगतान करने की मांग की गई। संघ ने यह भी कहा कि पेंशनभोगियों से राशिकरण (commutation) की वसूली 15 वर्षों तक की जाती है, जो अनुचित है। उनकी मांग है कि इस वसूली की अवधि को कम करके 10 वर्ष 11 माह किया जाए। एक अन्य महत्वपूर्ण मांग सेवानिवृत्ति के बाद अतिरिक्त पेंशन से संबंधित है। संघ ने 65 वर्ष की आयु पर 5 प्रतिशत, 70 वर्ष पर 10 प्रतिशत और 75 वर्ष पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन देने की मांग की है। इन मुख्य बिंदुओं के अलावा, पेंशनभोगियों की कुल 15 अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु भी ज्ञापन में मांगें शामिल की गई हैं। ज्ञापन सौंपने के दौरान भगवान शर्मा, वी०एस० तेवतिया, आर०के० गोयल, ए०के० कौशिक और आर०पी० गुप्ता सहित बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे। इनमें डी०पी० शर्मा, आर०सी० खरे, डी०के० गुप्ता, श्रेयांश कुमार जैन, डी०के० अग्रवाल, बनी सिंह, श्याम सिंह नागर, सत्यपाल दत्त शर्मा, आनंद स्वरूप गोयची और बसल जैसे पदाधिकारी और सदस्य शामिल थे।
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