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मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर धोखाधड़ी, FIR दर्ज:नौचंदी पुलिस ने एक अस्पताल संचालक समेत चार को लिया हिरासत में, पूछताछ जारी

नौचंदी थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर धोखाधड़ी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इंश्योरेंस कंपनी की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जिसके बाद पुलिस ने एक निजी अस्पताल के संचालक समेत चार लोगों को हिरासत में लिया है। आइए जानते हैं पूरा मामला मंगल पाण्डेय नगर में बजाज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का दफ्तर है। कुछ समय पहले कंपनी को सूचना मिली कि नौचंदी क्षेत्र में स्थित शुभकामना अस्पताल में फर्जी मरीज दिखाकर क्लेम लेने का खेल चल रहा है। कंपनी ने जांच की, जिसमें आरोप सही पाए गए। यह हुआ जांच में खुलासा इंश्योरेंस कंपनी के रीजनल हेड सुधीर मिश्रा ने नौचंदी थाने जाकर पुलिस को बताया कि शुभकामना अस्पताल से कुछ समय पहले तीन मरीजों राजीव अरोड़ा, कपिल जैन और नेहा के नाम की कैशलेस इंश्यारेंस क्लेम की फाइल उनके कार्यालय में आई थी। जांच में पता चला कि यह तीनों मरीज अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुए थे। एसपी सिटी की एसओजी ने की छानबीन थाने में शिकायत मिलने के बाद एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह की एसओजी टीम ने छानबीन शुरु कर दी। छानबीन में इंश्योरेंस कंपनी के आरोपों की पुष्टि हो गई। इसके बाद पुलिस ने अस्पताल के संचालक मोहम्मद अख्तर, पार्टनर मीनू चौधरी, डा. रचना और डा. अनिल लोधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। लाखों की धोखाधड़ी के मिल रहे संकेत पुलिस अफसरों की मानें तो जिस तरह का मामला सामने आया है, उससे साफ पता चलता है कि वह काफी पुराने समय से चला आ रहा था। लाखों रुपये के फर्जी क्लेम के संकेत मिल रहे हैं। पुलिस टीमें हिरासत में लिए गए सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। तीनों मरीजों के नाम की भी जांच शुरु पुलिस को वह तीनों फाइल सौंप दी गई है जो क्लेम के लिए कंपनी पहुंची थी। पुलिस अब उन तीनों मरीजों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिनके कागजात भेजे गए थे। पुलिस का साफ कहना है कि तीनों के कागजात फाइल से बरामद हुए हैं। यह देखना है कि वह अस्पताल तक कैसे पहुंचे। अस्पताल संचालक का यह था कहना : अस्पताल की पार्टनर मीनू चौधरी ने बताया कि करीब दस महीने पहले मामला प्रकाश में आया था। जिस कर्मचारी की मिलीभगत प्रतीत हो रही थी, उसे अस्पताल से निकाल दिया गया था। अब पुलिस जिस व्यक्ति को उनके अस्पताल से गिरफ्तार दिखा रही है, वह असल में दूसरे अस्पताल से पकड़ा गया है। जांच में सब साफ हो जाएगा।


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