प्रयागराज के मेजा विकासखंड के ग्राम खौर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित कचरा घर अब सवालों के घेरे में है। ग्रामीणों का आरोप है कि इसके निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिसके कारण यह कुछ ही महीनों में जर्जर होकर टूटने लगा है। उपलब्ध तस्वीरों और वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि कचरा घर की दीवारों का प्लास्टर उखड़ गया है और ईंटें टूटकर नीचे गिर रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस कचरा घर का आज तक कोई उपयोग नहीं हुआ, बल्कि यह स्वयं कचरे का रूप ले चुका है। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान मंजू देवी और कार्यदायी संस्था पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, निर्माण की गुणवत्ता इतनी खराब है कि यह एक साल भी नहीं टिक सका। एक ग्रामीण ने वीडियो में कहा, “सरकार गांव की सफाई और व्यवस्था के लिए पैसे भेजती है, लेकिन यहां काम सिर्फ दिखावे के लिए हुआ है। यह कचरा घर बनने के तुरंत बाद ही टूटने लगा। ऐसे निर्माण की गहन जांच होनी चाहिए।” ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और ब्लॉक प्रशासन से इस मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी मेजा, अमित सिंह ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि निर्माण में लापरवाही साबित होती है, तो संबंधित व्यक्तियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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