मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर कार पार्किंग को लेकर हुए विवाद के बाद रेलवे के एक वेलफेयर इंस्पेक्टर के साथ मारपीट कर दी गई। घटना रेलवे स्टेशन परिसर में बने कोर्ट रूम के बाहर की है। मारपीट करने का आरोप कुछ अधिवक्ताओं पर लगा है, जो रेलवे कोर्ट में केसों के सिलसिले में पहुंचे थे। मारपीट का शिकार हुए संजय माथुर मुरादाबाद रेलवे में वेलफेयर इंस्पेक्टर हैं। सोमवार को दोपहर करीब ढाई बजे संजय माथुर अपने बेटे प्रियांक माथुर के साथ अपने किसी रिश्तेदार को ड्रॉप करने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। उन्होंने रेलवे परिसर में गेट नंबर एक पर गाड़ी पार्क की। इसे लेकर वकीलों ने उनका कुछ विवाद हो गया। इसके बाद कुछ वकीलों ने संजय माथुर के साथ मारपीट कर दी। संजय माथुर ने खुद के रेलवे में अधिकारी होने का परिचय भी दिया। लेकिन मारपीट करने वाले लोग नहीं माने। यहां मौजूद कुछ लोगों ने किसी तरह मामला शांत करा दिया। इसके बाद संजय माथुर अपने बेटे और रिश्तेदारों के साथ रेलवे स्टेशन के अंदर चले गए। उन्हें ट्रेन में बैठाने के लिए वह जैसे ही प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचे तो फिर से उनके साथ मारपीट की गई। संजय माथुर बचकर निकले तो जीआरपी थाने के सामने से गुजरते वक्त प्लेटफार्म नंबर पर उन्हें एक जीआरपी के सिपाही और अधिवक्ता ने पकड़कर थाने के अंदर खींच लिया। संजय माथुर के बेटे को भी थाने के अंदर घसीटा गया। इस बात की जानकारी होते ही रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर आ गए। रेलवे कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने भी मौके पर पहुंचकर घटना को लेकर आक्रोश जाहिर किया। कर्मचारी इतने आक्रोशित थे कि उन्होंने रेल संचालन तक ठप करने की धमकी दे दी। करीब एक घंटे तक चले हंगामे के बाद जीआरपी ने संजय माथुर और उनके बेटे की लिखित शिकायत ली। दोनों को मेडिकल के लिए रेलवे अस्पताल भेजा गया है।
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