मुजफ्फरनगर में गुरुवार सुबह नगरपालिका के एक सफाई कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई। इस घटना से शहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया। परिजनों और वाल्मीकि समाज के लोगों ने नगरपालिका तथा प्रशासनिक अधिकारियों पर संवेदनहीनता और लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने शव को सड़क पर रखकर चौराहा जाम कर दिया और घंटों धरना दिया। मृतक की पहचान नगरपालिका परिषद के सफाई कर्मचारी अशोक के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, अशोक सुबह लगभग आठ बजे कूड़े के ढेर पर काम कर रहा था, तभी अचानक जहरीली गैस की चपेट में आकर वह बेहोश हो गया। उसके साथी कर्मचारी उसे तुरंत जिला अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अशोक की मौत की खबर फैलते ही सफाई कर्मचारी संघ, वाल्मीकि समाज के लोग और मृतक के परिजन बड़ी संख्या में जिला अस्पताल पहुंच गए। परिजनों में कोहराम मच गया और लोगों में गहरा रोष दिखाई दिया। भीड़ ने आरोप लगाया कि नगरपालिका और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण अशोक की जान गई है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी बताया कि घटना के बाद एक भी अधिकारी अस्पताल नहीं पहुंचा, न ही किसी ने परिजनों से बात करने की कोशिश की। इसी के विरोध में समाज के लोगों ने अशोक का शव सड़क पर रखकर अहिल्याबाई होल्कर चौराहे को जाम कर दिया। देखते ही देखते चौराहे पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया और लंबा जाम लग गया। प्रदर्शनकारियों में पूर्व सभासद प्रदीप कुमार और सफाई कर्मचारी संघ के नेता चमन लाल ढिगान भी शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि नगरपालिका परिषद और प्रशासन संवेदनहीन होकर काम कर रहा है। नेताओं ने जोर देकर कहा कि अशोक की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है।
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