मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर NH 58 के पास बन रही इंटीग्रेटेड टाउनशिप ‘न्यू मैक्स सिटी’ का भूमि घोटाला गहराता जा रहा है। एक ओर जहां कंपनी इसे एमडीए और रेरा से अनुमोदित बताकर निवेशकों को आश्वस्त कर रही है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक कार्यकर्ता विकास बालियान ने इस पूरे प्रोजेक्ट में बड़े घोटाले का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इस कथित घोटाले से जुड़े कई दस्तावेज होने का दावा किया है। विकास बालियान ने सहारा समूह द्वारा न्यू मैक्स सिटी की 212.51 एकड़ भूमि की कथित अवैध बिक्री को लेकर खुलासे किए हैं। उन्होंने इस मामले को केवल स्थानीय विवाद नहीं, बल्कि देश के 13 करोड़ से अधिक निवेशकों की सुरक्षा से जुड़ा बताया है। बालियान ने इस पूरे प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर जांच कराने की मांग की है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने न्यू मैक्स सिटी की 212.51 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री की फोरेंसिक जांच कराने की भी मांग उठाई है। यह मामला सुर्खियों में आने के बाद से उन निवेशकों पर संकट मंडरा रहा है, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट में प्लॉट या विला खरीदने के लिए पैसा लगाया है। विकास बालियान के अनुसार, कॉलोनाइजरों ने नियमों की अनदेखी कर इस भूमि को बेचकर मुजफ्फरनगर सहित अन्य लोगों का पैसा फंसा दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले की गहन जांच नहीं हुई, तो निवेशकों के सैकड़ों करोड़ रुपये डूबने का खतरा है। बालियान ने आज फिर बताया कि यह भूमि सारा समूह की संपत्ति है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत नियामक संस्था (सेबी) के पास सुरक्षा के रूप में जमा किया गया था। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि भूमि की बिक्री राशि नियामक के बैंक खाते में जमा होने और रसीद प्रस्तुत करने तक मूल विलेख जारी नहीं किया जाएगा। मूल विलेख में विक्रय अभिलेख, स्वामित्व की श्रृंखला, निबंधन प्रविष्टियां, स्टांप शुल्क रसीद, बैंड मुक्ति प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी और मानचित्र शामिल होते हैं। बिना मूल दस्तावेज के उपनिबंधक रजिस्ट्री नहीं कर सकता। यदि मूल विलेख सरकारी कस्टडी में है, तो मालिक भूमि बेच ही नहीं सकता। हालांकि, बालियान ने दावा किया कि सहारा समूह ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए इस भूमि को बेच दिया। उन्होंने सेबी से प्राप्त आरटीआई उत्तर का हवाला दिया, जो 29 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया। इसमें सेबी ने पुष्टि की कि भूमि की बिक्री नहीं की जा सकती, मूल दस्तावेज अभी भी उनके पास सुरक्षित हैं, और बिक्री की कोई राशि बैंक खाते में जमा नहीं हुई। इससे साफ है कि सारा समूह के पास बिक्री का अधिकार ही नहीं था, फिर भी उपनिबंधक ने रजिस्ट्री कर दी। बालियान ने इसे गंभीर अनियमितता बताते हुए कहा कि नई कंपनियां बनाकर इसी जमीन को खरीदा गया, जिनके निदेशक और लाभार्थी एक ही समूह से जुड़े लगते हैं। यह बेनामी लेन-देन, काले धन को सफेद करने और अवैध हस्तांतरण के संकेत देता है। बालियान ने आश्चर्य जताया कि इतने बड़े घोटाले पर आर्थिक, किसान या सामाजिक संगठनों ने ध्यान क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा, “यह मामला न्यायालय के आदेशों के पालन और जनता के धन की सुरक्षा से जुड़ा है। यदि जांच नहीं हुई तो मुजफ्फरनगर में प्लॉटिंग में निवेश करने वाले सैकड़ों करोड़ रुपये डूब सकते हैं।” उन्होंने मांग की कि 212.51 एकड़ भूमि की सभी रजिस्ट्रियों की फोरेंसिक जांच हो, दोषी उपनिबंधन अधिकारियों पर कार्रवाई हो, खरीदार-विक्रेता कंपनियों के निदेशकों और लाभार्थियों की पहचान व दस्तावेज जांच हो, तथा सेबी की कस्टडी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। यह घोटाला सारा समूह की कई संपत्तियों से जुड़ा है, जो निवेशकों के धन से बनीं। बालियान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी गठन से ही निष्पक्ष जांच संभव है। स्थानीय प्रशासन और सेबी से इस पर तत्काल कार्रवाई की उम्मीद जताते हुए उन्होंने जनता से सतर्क रहने की अपील की। यदि यह मामला अनसुलझा रहा तो इससे निवेशकों का विश्वास टूटेगा और आर्थिक व्यवस्था प्रभावित होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में फोरेंसिक जांच से दस्तावेजों की प्रामाणिकता साबित हो सकती है। मुजफ्फरनगर पुलिस और प्रशासन ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बालियान के खुलासों से हलचल मच गई है वही कंपनी से जुड़े अधिकारी इस पूरे आरोप को निराधार और बेबुनियाद बता रहे हैं न्यू मैक्स सिटी के कर्मचारियों द्वारा लगातार सोशल मीडिया पर वीडियो डाली जा रही है जिसमें उनके द्वारा बताया गया अधिक कॉलोनी मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण और रेरा से एप्रूव्ड है और इस तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ है जबकि शिकायतकर्ता विकास बालियान का कहना है भूमि खरीद को लेकर पूरा मामला है ना की भूमि खरीदने के बाद कॉलोनी में कट रहे विला या प्लाट एस को लेकर मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन को शिकायतकर्ता विकास बालियान ने 71 पेज का शिकायती पत्र मुजफ्फरनगर जिला अधिकारी उमेश मिश्रा को सौपा है उसमें भूमि से जुड़े सभी दस्तावेज मौजूद हैं जिलाधिकारी ने जल्द ही इस पूरे मामले में जांच करने की बात कही है वही विकास बालियान कहते हैं कि अगर मेरे डॉक्यूमेंट और लगाए गए आरोप झूठे हैं तो मुझे तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाए।
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