पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर 17 दिसंबर को 22 जिलों में पूर्ण बंद रहेगा। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच स्थापना संघर्ष समिति ने इस बंद का आह्वान किया है। मुजफ्फरनगर में जिला बार संघ और सिविल बार एसोसिएशन को विभिन्न व्यापार मंडलों का पूर्ण समर्थन मिला है। मुजफ्फरनगर बार संघ के महासचिव चंद्रवीर सिंह निर्वाल ने एक प्रेस वार्ता में इस बंद की घोषणा की। इस दौरान सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील मित्तल और मंत्री ठाकुर राजसिंह रावत भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर यह बंद किया जा रहा है। निर्वाल ने दावा किया कि सभी व्यापार मंडल के नेताओं ने एक बैठक में संघर्ष समिति को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने पुष्टि की कि 17 दिसंबर, बुधवार को मुजफ्फरनगर पूरी तरह बंद रहेगा। यह बंद केवल मुजफ्फरनगर तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच स्थापना संघर्ष समिति के आह्वान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुल 22 जनपदों में लागू रहेगा। इस संबंध में मुजफ्फरनगर के 25 व्यापारी संगठनों और सभी जनप्रतिनिधियों से वार्ता हो चुकी है। व्यापारी नेताओं श्रीमोहन तायल, संजय मिश्रा और कृष्ण गोपाल मित्तल समेत तमाम व्यापारी संगठनों ने 17 दिसंबर को पूर्ण बंद रखने का आश्वासन दिया है। इस मांग के पीछे मुख्य तर्क यह है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश से काफी दूर पड़ता है। इससे आम लोगों को बार-बार आने-जाने में समय और धन दोनों खर्च होते हैं। हाई कोर्ट बेंच की स्थापना से लोगों को न्याय तक पहुंच आसान होगी। संघर्ष समिति का कहना है कि पिछली सभी सरकारों ने हाई कोर्ट बेंच की स्थापना का स्वागत करने का आश्वासन दिया है, लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने इसे स्थापित नहीं किया है। उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण भी दिया, जहां पांच हाई कोर्ट बेंच हैं। क्यों उठ रही है हाईकोर्ट बैंच की मांग पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना की मांग दशकों से उठ रही है, जिसे लेकर हर शनिवार को वकील काम बंद रखते आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश बड़ी आबादी और देश का सबसे बड़ा प्रदेश है, लेकिन यहां पर कोई हाईकोर्ट बैंच नहीं है। जबकि महाराष्ट्र जैसे राज्य में हाईकोर्ट की पांच बैंच है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी लोग बैंच की स्थापना चाहते है। इसके लिए बिजनौर, बागपत के सांसदों के अलावा राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी लोकसभा और राज्यसभा में बैंच की स्थापना की मांग उठा चुके है, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए अधिवक्ताओं को मजबूर होकर बाजार बंदी करने जैसे आंदोलन का का सहारा लेना पड रहा है। 17 दिसंबर को यह बंद सवेरे आठ बजे से शाम के चार बजे तक रहेगा। सभी अधिवक्ता अपने न्यायिक कार्य से पूरी तरह से अलग रहेंगे।बंद की अपीलउन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के अलावा व्यापारी भी लोगों से अपील कर रहे है कि वे 17 दिसम्बर को अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। मुजफ्फरनगर शहर के अलावा बुढ़ाना, जानसठ और खतौली के अधिवक्ता भी बंद का पूर्ण समर्थन करते हुए लोगों से बंद रखने की अपील कर रहे है। इस दौरान जिला बार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष निश्चल त्यागी, सिविल बार के अध्यक्ष सुनील मित्तल व मंत्री ठाकुर राज सिंह रावत आदि अधवक्ता भी मौजूद रहे।
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