मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत कोर्स कोऑर्डिनेटरों की भर्ती प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ियों का मामला सामने आया है। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए असीम अरुण ने नियमों का उल्लंघन कर नियुक्तियां कराने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी Avni Paridhi Energy Communication Pvt. Ltd. और संबंधित आवेदकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। आरोपों में षड्यंत्र, फर्जी दस्तावेजों का उपयोग और नियमविरुद्ध नियुक्तियां शामिल हैं। पूरे प्रकरण में प्रशासनिक जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं। शिकायत के बाद हुई विभागीय जांच राज्यमंत्री असीम अरुण ने बताया कि, 29 अक्टूबर 2025 को प्रदेशभर में संचालित अभ्युदय कोचिंगों में आउटसोर्सिंग के जरिए लगे कोर्स कोऑर्डिनेटरों की भर्ती में अनियमितताओं की शिकायत मिली थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विभागीय स्तर पर जांच कराई गई, जिसमें भर्ती से जुड़े सभी दस्तावेजों की गहन समीक्षा की गई। पात्रता मानकों की अनदेखी उजागर जांच में सामने आया कि नियमानुसार कोर्स कोऑर्डिनेटर पद के लिए यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य था, लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई जिन्होंने यह परीक्षा पास नहीं की थी। कुल 69 अभ्यर्थियों की जांच में सिर्फ 21 अभ्यर्थी ही पात्र पाए गए। फर्जी दस्तावेजों से नियुक्ति, कंपनी प्रथम दृष्टया दोषी जांच रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट हुआ कि अपात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलाने के लिए फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लिया गया। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर संबंधित आउटसोर्सिंग कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। प्रशासनिक जांच और आगे की सख्त व्यवस्था राज्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर दस्तावेज सत्यापन की जिम्मेदारी थी, उनकी भूमिका और लापरवाही की प्रशासनिक जांच कराई जाएगी। साथ ही भविष्य में होने वाली सभी आउटसोर्सिंग नियुक्तियों में पुलिस सत्यापन और दस्तावेज सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा। वर्तमान में कार्यरत सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का भी दोबारा सत्यापन कराया जाएगा।
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