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मुख्तार के करीबी का गांव तीन मंजिला शानदार बंग्ला:ईडी ने जब्त की थी शादाब उर्फ डंपी की 2.03 करोड़ की संपत्ति

मुख्तार अंसारी नेटवर्क पर शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की थी। मनी लॉन्ड्रिंग केस में एजेंसी ने मुख्तार के बेहद करीबी माने जाने वाले सादाब उर्फ डंपी की कुल 2.03 करोड़ रुपये मूल्य की छह संपत्तियों को अटैच कर दिया। ये सभी संपत्तियां गाज़ीपुर स्थित फर्म M/s विकास कंस्ट्रक्शन से जुड़ी हैं, जिसे मुख्तार और उसके साथियों द्वारा संचालित बताया जाता है। दैनिक भास्कर की टीम मंगलवार सुबह सादाब उर्फ डंपी के गांव पहुंची। यहां मुख्य सड़क के किनारे सफेद रंग का उसका चमचमाता, तीन मंजिला आलीशान बंगला खड़ा मिला—स्टाइलिश गेट, डिज़ाइनर रेलिंग और आधुनिक खिड़कियों वाला। घर बाहर से पूरी तरह सूना था। न कोई दरवाजा खोलने आया, न ही आसपास के लोग कुछ बोलने को तैयार हुए। सिर्फ इतना साफ था कि मुख्तार नेटवर्क के इस अहम सदस्य तक ED की कार्रवाई अब सीधे घर के दरवाजे तक पहुंच चुकी है। दुबई से लौटते ही गिरफ्तारी—ED का LOC काम आया अक्टूबर 2025 में जारी लुकआउट सर्कुलर ने ED का काम आसान किया। शादाब अहमद उर्फ डंपी को शारजाह से लखनऊ एयरपोर्ट लौटने पर हिरासत में ले लिया गया। उसके खिलाफ पहले से नॉन-बेलेबल वारंट जारी था।31 अक्टूबर 2025 को ED प्रयागराज ने उसकी कस्टडी ले ली।ED के मुताबिक, 2022 में एजेंसी की सर्च के बाद से शादाब फरार चल रहा था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि करीब 10 करोड़ रुपये के अवैध धन को लेयरिंग, ट्रांसफर और कागजी लेन-देन के जरिए वैध बनाने में उसने अहम भूमिका निभाई। सरकारी जमीन पर गोदाम, फिर FCI को किराए—करोड़ों का खेलED की जांच मौ और गाजीपुर में दर्ज FIRs पर आधारित है। आरोप है कि विकास कंस्ट्रक्शन ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर मौ के रैनी गांव और गाजीपुर में बड़े-बड़े गोदाम खड़े किए।बाद में ये गोदाम FCI (Food Corporation of India) को किराए पर दिए गए और NABARD सब्सिडी के नाम पर भारी रकम वसूली गई।ED अब तक 27.72 करोड़ रुपये के Proceeds of Crime (POC) का पता लगा चुकी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, FCI गोदाम पर वर्षों से कोई सवाल नहीं उठता था, क्योंकि सब कुछ “ठेके की आड़” में चलता था। लेकिन बिल्डिंग की जमीन सरकारी थी—यह बात पहली बार ED की जांच में सामने आई। कंपनियों की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग—सैलरी और लोन दिखाकर बनाई संपत्तियां
शादाब दो कंपनियों—Aaghaaz Project Engineering Pvt. Ltd. और Inizio Network Solution Pvt. Ltd.—का डायरेक्टर और फाइनेंशियल ऑपरेटर था।ED के अनुसार, इन कंपनियों के खातों से वह मुख्तार नेटवर्क द्वारा कमाए गए अवैध पैसे को बिजनेस ट्रांजैक्शन के रूप में दिखाकर आगे भेजता था।जांच में सामने आया कि इसी नेटवर्क में सक्रिय रहने के बदले शादाब को 1.91 करोड़ रुपये सैलरी और 74 लाख रुपये अनसिक्योर्ड लोन मिले। इन्हीं पैसों से गाजीपुर और आसपास में उसने संपत्तियां खरीदीं, जिनमें से छह पर अब ED ने कार्रवाई कर दी है। इस केस में कुल अटैच संपत्तियों का आंकड़ा 8.43 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। ED का दावा है कि जांच अभी जारी है और आगे और भी बड़ी कार्रवाई संभव है। बंगले पर सन्नाटा
सादाब उर्फ डंपी कभी मुख्तार के वार रूम का भरोसेमंद माना जाता था। गांव में उसके रसूख के किस्से आम थे—पर ED की अटैचमेंट के अगले ही दिन उसके आलीशान बंगले के बाहर सन्नाटा दिखा।पड़ोसी सिर्फ इतना कहते दिखे—“कल तक बड़े-बड़े अफसर आते थे, आज कोई दरवाजा भी खोलने को तैयार नहीं है।” ED की कार्रवाई के बाद स्थानीय प्रशासन भी सतर्क हो गया है। गांव में पुलिस की हल्की निगरानी बनी हुई है। फॉलोअप पर भास्कर का सवाल—क्या मुख्तार नेटवर्क की अगली कड़ी तक पहुंचेगी जांच?
ED की टैपिंग, बैंकिंग ट्रेल और जमीन की रजिस्ट्रियों की जांच के बाद माना जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में मुख्तार नेटवर्क से जुड़े और नामों पर कार्रवाई हो सकती है।अटैच की गई संपत्तियों की कीमत भले 2.03 करोड़ हो, लेकिन नेटवर्क की कुल लॉन्ड्रिंग इससे कई गुना ज्यादा होने का दावा ED पहले से कर रही है।


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