महोबा में एक हल्का लेखपाल पर किसान को मुआवज़ा पाने के लिए कथित तौर पर ट्रक के नीचे आकर जान देने की सलाह देने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला चरखारी तहसील के चंदौली गांव से जुड़ा है।जहां लेखपाल और किसान के बीच हुई बातचीत का ऑडियो सामने आया है। चंदौली गांव निवासी किसान राघवेंद्र का घर करीब 23 दिन पहले आग की चपेट में आ गया था। इस हादसे में उनका अनाज, गृहस्थी का सामान, लकड़ी तथा शादी के लिए रखा सामान जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया। घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और पीड़ित किसान को हर संभव मदद व मुआवज़ा दिलाने का भरोसा दिया गया था। राजस्व विभाग के कर्मचारियों और हल्का लेखपाल द्वारा भी मौके का निरीक्षण किया गया था। कई दिन बीत जाने के बावजूद मुआवज़ा न मिलने पर किसान राघवेंद्र ने हल्का लेखपाल रामकुमार से फोन पर संपर्क किया। किसान का आरोप है कि लेखपाल ने उसे बताया कि उसे अधिकतम चार हजार रुपये से ज्यादा मुआवज़ा नहीं मिल सकता। जब किसान ने अधिक मुआवज़ा मिलने के संबंध में जानकारी चाही, तो लेखपाल ने कथित तौर पर कहा—“अगर ज्यादा मुआवज़ा चाहिए तो किसी ट्रक के नीचे आ जाओ, मर जाओगे तो पांच लाख मिल जाएगा।” इस बातचीत का ऑडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसके बाद प्रशासन और राजस्व विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, इस मामले में लेखपाल रामकुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनका आशय गलत नहीं था। उनका कहना है कि वे केवल सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे थे और उन्होंने किसान को मरने की सलाह नहीं दी।
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