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मीनाक्षी के परिवार के 4 लोग पुलिस में तैनात:एक बहन UPSC का प्री कर चुकी क्वालीफाई; इंस्पेक्टर की मौत में लेडी कॉन्स्टेबल अरेस्ट

महिला कॉन्स्टेबल मीनाक्षी शर्मा के कारनामे ने मेरठ के ग्राम दान्दूपुर को भी शर्मसार किया है। यह मवाना तहसील के अंतर्गत आने वाला वही गांव है, जहां की मीनाक्षी शर्मा रहने वाली हैं। दैनिक भास्कर की टीम इस वारदात के बाद मीनाक्षी के गांव पहुंची और लोगों से मिली। इस दौरान जो कुछ सामने आया, वह चौकाने वाला था। ग्रामीण इस वारदात से हैरानी जताते दिखे। काफी लोग ऐसे थे जिन्होंने बोलने से इनकार कर दिया। कुछ सामने आए भी तो उनका सिर्फ यही कहना था कि यह परिवार ग्राम का संभ्रांत परिवार है। मीनाक्षी के कृत्य पर वह जरा भी विश्वास नहीं कर पा रहे। एक नजर मीनाक्षी के परिवार पर
ग्राम दान्दूपुर में विपिन शर्मा अपनी पत्नी ऊषा व पांच बच्चों के साथ रहते हैं। विपिन एक समय गांव में ही मेडिकल स्टोर चलाते थे। अब जब बच्चों ने सफलता की राह पकड़ी तो पिता ने दुकान बंद कर दी। बच्चों की बात करें तो परिवार का सबसे बड़ा बेटा विवेक है जो यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल है। कुछ समय पहले विवेक की शादी हुई है। जिस युवती से शादी हुई है, वह भी यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल बताई गई है। मीनाक्षी बच्चों में दूसरे नंबर पर है, जो यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल है और गंभीर आरोपों के चलते सलाखों के पीछे है। बहन ने UPSC का प्री-क्वालीफाई किया परिवार के अन्य बच्चों की बात की जाए तो तीसरे नंबर पर साक्षी नाम की बेटी आती है जो यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर है। हालांकि ग्रामीण यह नहीं बता पाए कि वह कहां पोस्ट है। चौथे नंबर की बेटी प्रियांशी है। प्रियांशी परिवार में सबसे अलग दिखाई पड़ती है। उसने हाल में UPSC का प्री क्वालिफाई कर सभी को चौका दिया। वह इन दिनों आगे की तैयारी जुटी है। इसके अलावा अब दो छोटे भाई-बहन मोंटी व दिपांशी हैं जो पुलिस की तैयारी में जुटे हैं। वारदात के बाद से पिता-भाई अंडरग्राउंड मीनाक्षी पर लगे आरोपों के बाद परिवार में हड़कंप मचा है। पुलिस छानबीन में मीनाक्षी लगातार घिरती जा रही है। पिता व भाई पर भी आरोप लगे हैं, जिस कारण वह भी अंडरग्राउंड होने को मजबूर हैं। सोमवार को दैनिक भास्कर डिजीटल की टीम गांव पहुंची तो मकान का मुख्य दरवाजा बंद था और अंदर किसी तरह की हरकत नहीं दिखाई पड़ रही थी। लोगों का तो कहना था कि दो दिन से यहां कोई नहीं दिख रहा। लेकिन इसी बीच परिवार की बुजुर्ग महिला 90 वर्षीय भगवती दिखाई दीं। वह घर के अंदर जा रही थीं। दरवाजा खुला तो अंदर एक महिला और थी। संभवत: वह विवेक की पत्नी थीं। एक नजर ग्राम दान्दूपुर पर ग्राम दान्दूपुर मवाना तहसील के अंतर्गत आने वाला एक गांव है, जिसकी आबादी करीब 2200 की है। यहां थाना फलावदा लगता है। वोट के लिहाज से यहां 1800 मतदाता है। मेरठ से यहां पहुंचने के लिए तकरीबन 26 किलोमीटर का सफर तय कर पहले मवाना पहुंचना पड़ता है। मवाना से फिर एक रास्ता दान्दूपुर गांव के लिए निकलता है जो करीब 12 किलोमीटर है। मीनाक्षी के घर तक पहुंचने के लिए तकरीबन पांच किलोमीटर का सफर और तय करना पड़ता है। कुल मिलाकर मेरठ से दान्दूपुर गांव की दूरी लगभग 43 किलोमीटर के करीब है। युवाओं में पुलिस-फौज का रुझान दान्दूपुर गांव गुर्जर बहुल्य गांव बताया जाता है। यहां के युवाओं में यूपी पुलिस व फौज का खासा रुझान दिखाई दे रहा है। शायद यही वजह है कि विपिन के बच्चे भी यूपी पुलिस में जगह बनाने में कामयाब हुए। दो छोटे बच्चे हैं, वह भी यूपी पुलिस में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। इन सभी बच्चों ने अपनी पढ़ाई की शुरुआत गांव के प्राथमिक विद्यालय से की। स्कूलिंग भी सरकारी विद्यालय से की और 12वीं करते ही प्रतियोगी परीक्षाओं में जुट गए।


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