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मिस्ड कॉल देकर हनीट्रैप में फंसाने वाला गैंग पकड़ा:मिलने के बहाने बुलाक युवती अश्लील वीडियो बनाती, फिर ब्लैकमेल करते

आगरा पुलिस ने मिस्ड कॉल देकर हनीट्रैप में फंसाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग की सदस्य एक युवती अपनी मीठी आवाज और हुस्न के जाल में लोगों को फंसाती। उनसे प्यार का नाटक करती। मिलने के लिए होटल में बुलाती। फिर कमरे में उनके साथ चुपके से अश्लील वीडियो बना लेती। इसके बाद पूरा गैंग ब्लैकमेलिंग में जुट जाता। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 25 से 20 लाख रुपए की डिमांड करते। दो लोगों से करीब 18 लाख रुपए वसूल भी चुके थे। तीसरे केस में समझौता होने पर पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। डीसीपी सिटी सैयद अली अब्बास ने बताया कि हनी ट्रैप करने वाले गैंग ने कमला नगर क्षेत्र के एक व्यक्ति को अपने जाल में फंसाया था। गैंग उसने 20 लाख रुपए की डिमांड कर रहा था। पीड़ित ने थाना कमला नगर पर तहरीर दी थी। उनका कहना था कि 6 अक्टूबर को उनके मोबाइल पर एक मिस्ड कॉल आई। उन्होंने कॉल बैक की। उस तरफ से युवती ने बात की। इसके बाद युवती फोन करने लगी। दोनों के बीच में बातचीत होने लगी। एक दिन युवती ने साथ में डिनर करने के लिए बुलाया। वो उसकी बताई जगह पर पहुंच गए। उनका कहना था कि कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला दिया। जिससे वो बेहोश गया। कुछ दिन बाद आया ब्लैकमेलिंग का फोन
इस घटना के कुछ दिन बाद उनके मोबाइल पर प्रवेश नाम के व्यक्ति का फोन आया। उसने युवती के साथ रेप के आरोप में फंसाने की बात की। उनसे कहाकि उसके पास वीडियो हैं। वीडियो वायरल करने की धमकी दी। समझौता कराने के नाम पर 20 लाख रुपए की डिमांड की। न देने पर फर्जी केस में फंसाने की बात की। ऐसे पकड़ी गई महिला
जानकारी के अनुसार जब पीड़ित ने रुपए देने से मना किया तो महिला ने फर्जी नाम से थाने में रेप की तहरीर दी थी। तहरीर देने के बाद इन्होंने पीड़ित से 4 लाख रुपए में समझौता किया। जब समझौता पत्र लगाया तो उसके साथ दाखिल किए गए आधार से युवती की शक्ल मिल नहीं रही थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले की छानबीन की। तब पता चला कि युवती ब्लैकमेलिंग कर रही है। युवती से पुलिस ने पूछताछ की। उसका मोबाइल चेक किया तो उसके कई और लोगों के वीडियो मिले। बीएससी की, मैनपुरी की रहने वाली
डीसीपी ने बताया कि पकड़ी गई युवती बीएससी पास है। वो बाह में अपने मामा के घर पर रह रही थी। वो मूलरूप से मैनपुरी की रहने वाली है। उसने बताया कि ऑनलाइन गेम में रुपए हार गई थी। मामा के घर के पास उसकी पहचान प्रविंद्र से हुई थी। प्रविंद्र ने रियाज से मिलवाया। रियाज अपने आप को यूपी पुलिस का सिपाही बताता था। पूछताछ में अभी तक तक लोगों को ब्लैकमेल करने की बात सामने आई है। एक व्यक्ति से 12 लाख तो एक से 5 लाख वसूल चुके हैं। गैंग में शामिल गणेश को भी पुलिस ने पकड़ा है, जबकि रियाज, प्रवेश और प्रविंद्र फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।


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