प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्णा ने शुक्रवार को मिशन शक्ति केंद्रों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की। इस दौरान सभी रेंज के आईजी व डीआईजी, कमिश्नरेट के संयुक्त/अपर पुलिस आयुक्त और जिलों के नोडल अधिकारियों व प्रभारियों से फीडबैक लिया गया। समीक्षा में मिशन शक्ति केंद्रों के प्रभावी क्रियान्वयन से महिला संबंधी अपराधों में आई गिरावट की तारीफ की गई। डीजीपी ने सितंबर 2025 में मिशन शक्ति व्यवस्था को और मजबूत बनाते हुए हर थाने में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए। ये केंद्र अब केवल शिकायत दर्ज करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सिंगल पॉइंट ऑफ सपोर्ट के रूप में काम करते हैं। यहां महिलाओं को मामलों की शुरुआत से लेकर न्यायिक प्रक्रिया की समाप्ति तक मानसिक, सामाजिक, कानूनी और संस्थागत सहयोग प्रदान किया जाता है। बता दें कि मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत अक्टूबर 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। मिशन शक्ति अभियान के तहत हर थाने में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई, जो महिलाओं की शिकायतों के त्वरित पंजीकरण और प्रारंभिक सहायता के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई। मिशन शक्ति केंद्र स्थापित होने के बाद अपराध में आई गिरावट समीक्षा के दौरान बताया गया कि केंद्र स्थापित होने से तीन महीने पहले (16 जून 2025 से 15 सितंबर 2025 तक) और तीन महीने बाद (16 सितंबर 2025 से 15 दिसंबर 2025 तक) के महिला संबंधी अपराधों के आंकड़ों की तुलना की गई। इस दौरान अपराध में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। DGP के प्रमुख निर्देश समीक्षा के समापन पर डीजीपी राजीव कृष्णा ने अपने संबोधन में मिशन शक्ति को ‘होल ऑफ गवर्नमेंट अप्रोच’ पर आधारित बताया, जिसमें पुलिस की भूमिका समन्वयक और लीड एजेंसी की है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य शिकायतों के निपटारे के साथ-साथ नागरिकों को सही जानकारी, सही विभाग और सही प्रक्रिया से जोड़ना है। शीघ्र ही केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं से संबंधित बुकलेट, वीडियो और डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी ताकि जागरूकता बढ़ाई जा सके।
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