जिलाधिकारी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट स्थित मानस सभागार में जिला स्तरीय खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन समिति की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने मिलावट की श्रृंखला तोड़ने और उपभोक्ताओं को असली-नकली उत्पादों की पहचान के लिए जागरूक करने के महत्वपूर्ण निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि मिलावट की श्रृंखला तोड़ने के लिए उत्पाद निर्माताओं के साथ-साथ उन संस्थानों की भी जांच की जाए, जहां से निर्माता अपने उत्पादों के लिए कच्चा माल प्राप्त करते हैं। इससे मूल उत्पाद में मिलावट की संभावना कम होगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गलत तरीके से उत्पादों का निर्माण करने वाले लोगों को चिह्नित कर पुख्ता जानकारी के आधार पर उनके विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाए। डॉ. त्रिपाठी ने इस बात पर जोर दिया कि उपभोक्ता मिलावटी उत्पादों का प्रयोग न करें, इसके लिए उन्हें असली-नकली उत्पादों की जांच/परख करने के लिए जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि असली-नकली उत्पादों की पहचान के लिए शिविर लगाकर उपभोक्ताओं को विस्तृत जानकारी दी जाए। बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा 21 विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को खान-पान की अच्छी आदतों, सुरक्षित एवं पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में आंगनवाड़ियों को खाद्य पंजीकरण से आच्छादित करने की प्रक्रिया जारी है। साथ ही, मिड डे मील योजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रत्येक माह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से समन्वय कर जांच की जा रही है। जिलाधिकारी ने माननीय न्यायिक न्यायालय में खाद्य सुरक्षा एवं खाद्य अपमिश्रण निवारण के अंतर्गत लंबित प्रकरणों का संज्ञान लिया। उन्होंने इन मामलों में आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करते हुए शीघ्र निस्तारण कराने के निर्देश दिए। इस बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) अविनाश चंद्र मौर्य, उप कृषि निदेशक शैलेंद्र कुमार वर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार, जिला उद्यान अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकांत यादव सहित विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि और अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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