मिर्जापुर विकास प्राधिकरण ने अपनी पहली आवासीय योजना “गंगा विंध्य विहार आवासीय योजना” को स्वीकृति दे दी है। यह योजना नगर और विंध्याचल के मध्य लगभग 50 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी। यह निर्णय जनपद के सुनियोजित विकास को लेकर हुई विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में लिया गया। इस योजना का मुख्य लक्ष्य क्षेत्र में सुनियोजित, सुरक्षित और किफायती आवास उपलब्ध कराना है। इसके अतिरिक्त, मिर्जापुर विंध्याचल विकास प्राधिकरण द्वारा कांतित क्षेत्र में एक व्यवसायिक सह कार्यालय कॉम्प्लेक्स के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। यह कॉम्प्लेक्स प्राधिकरण के कार्यालय के रूप में कार्य करेगा, जिससे कार्यों के संचालन में सुविधा होगी और आय के नए स्रोत भी विकसित होंगे। बैठक में प्राधिकरण के क्षेत्र विस्तार के संशोधित प्रस्ताव को शासन को भेजे जाने पर भी सहमति बनी। इस संशोधित प्रस्ताव में पूर्व के प्रस्ताव के अतिरिक्त ट्रांसगंगा क्षेत्र में चील्ह तक का इलाका शामिल किया जाएगा। बोर्ड के सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति व्यक्त की। लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का उद्देश्य मंडलायुक्त राजेश प्रकाश ने कहा कि विकास प्राधिकरण का उद्देश्य केवल भवन निर्माण तक सीमित नहीं है। इसका लक्ष्य सुनियोजित शहरी विकास, भूमि का समुचित प्रबंधन, बुनियादी ढांचे का विकास और अपनी आय के स्रोत सृजित करते हुए आमजन को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्राधिकरण द्वारा कराए जाने वाले सभी कार्य नियमों के अनुरूप और स्थानीय नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए किए जाएं। बैठक में पड़रा हनुमान क्षेत्र में औद्योगिक मानचित्र के अनुमोदन, आचार्य रामचंद्र शुक्ल पार्क के सुदृढ़ीकरण एवं गेट निर्माण से संबंधित स्वामित्व विवादों के निस्तारण पर भी चर्चा हुई। क्षेत्रीय अवस्थापना निधि के अंतर्गत स्वीकृत बजट, अनुरक्षण मद, आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्मिकों की नियुक्ति, वाहन क्रय तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट के सापेक्ष नवंबर 2025 तक की आय-व्यय स्थिति पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। बैठक के अंत में, प्राधिकरण सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करते हुए मंडलायुक्त ने सचिव को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
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