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मायावती बोलीं चुनावी व्यवस्था धनबल–बाहुबल से हो मुक्त:चुनाव से पहले डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम में कैश देने पर लगे रोक

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी की आल इंडिया बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने सभी राज्य इकाइयों को चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होने के निर्देश दिए। मायावती ने कहा कि इस काम के लिए पार्टी के संगठनात्मक कार्यों को जरूरत के अनुसार कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दें। साथ ही, पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों की समीक्षा करते हुए पार्टी को मजबूत बनाने पर जोर दिया। बैठक में मायावती ने वोटर लिस्ट को शुद्ध बनाने के साथ-साथ देश की चुनावी व्यवस्था को धनबल, बाहुबल और सरकारी हथकंडों से मुक्त करने की जरूरत पर बल दिया। खासकर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी धन वितरण के जरिए चुनाव प्रभावित करने के प्रयास को गंभीर बताते हुए इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। गरीबों को वोट का अधिकार न छिने पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित इस आल इंडिया बैठक (यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर) में मायावती ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में चल रहे एसआईआर अभियान को पूरी तत्परता से पूरा करें। लोगों को आ रही व्यावहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए बाकी राज्यों को पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए। खासकर गरीब, मजदूर, शोषित-पीड़ित और बहुजन समाज के लोग वोटर लिस्ट से वंचित न रह जाएं। मायावती ने जोर देकर कहा, “वोट की ताकत ही बहुजन समाज को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के संघर्ष के अनुरूप शोषित से शासक वर्ग बना सकती है। यह बीएसपी का सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति का लक्ष्य है।” उन्होंने पार्टी कैडर को मतगणना की तैयारी और ट्रेनिंग पर भी फोकस करने को कहा। धनबल-बाहुबल से मुक्त हो लोकतंत्र बैठक में मायावती ने देश की चुनावी व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट शुद्ध करने के साथ-साथ चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और साफ-सुथरा बनाने के लिए सख्त कदम जरूरी हैं। धनबल, बाहुबल और सरकारी ‘साम, दाम, दंड, भेद’ जैसे हथकंडों से मुक्त करने की मांग की। खास तौर पर हाल के वर्षों में, और बिहार चुनाव से ठीक पहले सरकारी धन वितरण के जरिए चुनाव प्रभावित करने के प्रयास को अति गंभीर बताया। मायावती बोलीं, “यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। बिहार चुनाव के कड़वे अनुभव से सबक लेकर नए चुनावी हालात का सामना करने के लिए पूरी तैयारी करें।” मनरेगा में केंद्र का अंश घटाना गलत मायावती ने संसद में पेश मनरेगा से संबंधित नए विधेयक पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विकसित भारत ग्रामीण रोजगार योजना में केंद्र सरकार का अंश 90 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत करना प्रस्तावित है, जिससे राज्य सरकारों पर बोझ पड़ेगा। राज्यों का विरोध स्वाभाविक है। पूर्व सीएम ने याद दिलाया कि यूपी में बीएसपी सरकार के दौरान उनका मत था कि केंद्रीय योजनाओं का पूरा भार केंद्र को ही वहन करना चाहिए। यह बदलाव गरीबों को लाभ पहुंचाने में बाधा बनेगा। महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और पलायन की समस्या पर भी चिंता जताई। संगठन की समीक्षा: कमियों को दूर करें बैठक में पिछली आल इंडिया बैठकों में दिए गए निर्देशों की राज्यवार रिपोर्ट पर मायावती ने असंतोष जताया। पार्टी संगठन की मजबूती, जनाधार बढ़ाने, आर्थिक सहयोग और महापुरुषों के सम्मान कार्यक्रमों पर रिपोर्ट संतोषजनक नहीं मिली। उन्होंने कहा कि कमियों को जल्द दूर करें और ईमानदारी से काम जारी रखें। जन्मदिन पर जनकल्याणकारी दिवस: मंडल-जोन स्तर पर आयोजन अगले महीने 15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन ‘जनकल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाने के निर्देश दिए। यूपी में मंडल स्तर पर, जबकि बाकी राज्यों में जोन स्तर पर कार्यक्रम होंगे। केंद्रीय कोऑर्डिनेटर और वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे। इस मौके पर यूपी में बीएसपी सरकारों के जनहित कार्यों, अपराध नियंत्रण और बहुजन समाज के महापुरुषों (महात्मा ज्योतिबा फुले, नारायण गुरु, शाहूजी महाराज, बाबा साहेब अम्बेडकर, कांशीराम आदि) को दिए सम्मान की जानकारी दी जाएगी। इससे बहुजनों को सत्ता संघर्ष के लिए प्रेरणा मिलेगी।


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