माघ महीने में होने वाले मेले में इस बार अग्नि सुरक्षा को लेकर खास तैयारी की गई है। अग्निशमन विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था को इस तरह डिज़ाइन किया है कि किसी भी स्थान पर आग लगने की स्थिति में अधिकतम 3 मिनट के भीतर दमकल कर्मी मौके पर पहुंच जाएं और राहत कार्य शुरू कर सकें। 20 फायर स्टेशन और 7 फायर चौकियां -पिछले माघ मेला 2023 की तुलना में इस बार संसाधनों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है। -पहले 15 फायर स्टेशन थे, इस बार 20 फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। -इसके अलावा 7 फायर चौकियां भी स्थापित की जाएंगी। -अग्निशमन विभाग के 631 जवान व अफसर होंगे तैनात -इनमें 20 फायर स्टेशन अफसर, 30 सेकंड फायर अफसर, 80 लीडिंग फायरमैन, 400 फायरमैन शामिल हैं। 20 वॉच टावर, 24 घंटे निगरानी -मेले में 20 वॉच टावर स्थापित किए जा रहे हैं, जहां जवानों को छह-छह घंटे की कुल चार शिफ्टों में तैनात किया जाएगा। -ये टीमें पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगी और धुआं उठने की किसी भी सूचना को तुरंत कंट्रोल रूम को भेजेंगी, जिससे राहत कार्य तुरंत शुरू हो सके। टेंटों का ऑडिट और इलेक्ट्रिक सेफ्टी चेक -अग्निशमन अधिकारी अनिमेष सिंह के अनुसार, मेला शुरू होने से पहले ही सभी टेंटों का ऑडिट कराया जाएगा। -इस दौरान इलेक्ट्रिक वायरिंग, जोड़े गए उपकरण और सिलेंडरों की ब्रांड क्वालिटी की जांच की जाएगी, ताकि कोई खराब, नॉन-स्टैंडर्ड सिलेंडर इस्तेमाल न हो। कुंभ के अनुभव का लाभ -महाकुंभ में लगभग 150 छोटे-बड़े अग्नि हादसे हुए थे। -इनमें 61 घटनाएं इलेक्ट्रिक फॉल्ट से -जबकि 58 सिलेंडर गैस लीकेज के कारण हुई थीं। -इन्हीं अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस बार सुरक्षा मानकों को और सख्त किया गया है। रेस्क्यू टेंडर, फायर बाइक और ऑल टेरेन व्हीकल मेले के तीनों जोन अरैल, झूंसी और परेड में 3 रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जाएंगे।इन वाहनों में आग बुझाने के साथ-साथ आपदा राहत संबंधी उपकरण भी होंगे। इनमें कटिंग टूल्स, लिफ्टिंग इक्विपमेंट इत्यादि शामिल रहेंगे। इसके अलावा 40 फायर फाइटिंग बाइक तैनात की जाएंगी, जो संकरे रास्तों में भी आसानी से मूवमेंट कर सकेंगी। घाटों के आसपास एक फायर बोट भी सक्रिय रहेगी। साथ ही 4 ऑल टेरेन व्हीकल (ATV) भी मेले में दौड़ेंगे, जो कठिन इलाकों में जल्दी पहुंच सकेंगे। लक्ष्य “सुरक्षित माघ मेला” मग में लेकर मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनिमेष सिंह का कहना है कि इस बार की प्लानिंग और बढ़े हुए संसाधनों के चलते माघ मेला पहले से अधिक सुरक्षित रहेगा, और किसी भी स्थिति में त्वरित राहत व बचाव कार्य सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वह 2013 कुंभ में भी सेवाएं दे चुके हैं और इस तरह से उनके अनुभवों का भी लाभ मिलेगा।
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