प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला-2026 के दृष्टिगत डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में गठित जिला स्तरीय समिति के सदस्यों, स्टेकहोल्डरों और विभिन्न एसोसिएशनों के साथ समीक्षा बैठक की। माघ मेला-2026 के दौरान बंदी सुनिश्चित कराने के लिए रोस्टर के अनुसार पौष पूर्णिमा पर 31 दिसंबर 2025 से तीन जनवरी 2026, मकर संक्रांति पर 12 से 15 जनवरी 2026, मौनी अमावस्या पर 15 से 18 जनवरी 2026, बसंत पंचमी पर 20 से 23 जनवरी 2026, माघी पूर्णिमा पर 29 जनवरी से 1 फरवरी 2026 तथा महाशिवरात्रि पर 12 से 15 फरवरी 2026 तक चार-चार दिनों की बंदी रहेगी। अनटैप्ड नालों का कराएं स्थलीय निरीक्षण डीएम ने अपर नगर आयुक्त नगर निगम को निर्देशित किया कि माघ मेला-2026 के दृष्टिगत अनटैप्ड नालों में बायोरेमिडियेशन एवं फाइटोरेमिडियेशन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कराया जाए। इसके साथ ही टैनरी पम्पिंग स्टेशन, कॉमन सीवेज पम्पिंग स्टेशन (सीएसपीएस) तथा सभी संचालित एसटीपी में स्थापित स्लज गेट (बाईपास गेट) की भौतिक जांच सुनिश्चित की जाए। घाटों के किनारे कूड़ा फेंकने पर प्रभावी रोक लगाने के लिए गार्बेज डिस्पोजल की व्यवस्था, नियमित साफ-सफाई तथा घाटों पर अस्थायी यूरिनल स्थापित कर सफाई कर्मियों की ड्यूटी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। निगरानी के लिए सीसीटीवी की व्यवस्था
बैठक में जल निगम शहरी के सहायक अभियंता को निर्देशित किया गया कि माघ मेला-2026 से पूर्व सतर्कता के दृष्टिगत सभी स्लज गेट आवश्यकतानुसार बंद अथवा सील किए जाएं। इनकी निरंतर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर उनकी नियमित समीक्षा सुनिश्चित की जाए। रात 12 से 2 तक आठ टीमें करेंगी निरीक्षण बंदी रोस्टर के अनुपालन को लेकर डीएम ने बताया कि जनपद में आठ टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें बंदी से एक दिन पूर्व रात्रि 12 बजे से 2 बजे के मध्य अपने-अपने क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगी और निरीक्षण आख्या प्रदूषण नियंत्रण विभाग को उपलब्ध कराएंगी। बंदी रोस्टर अवधि के दौरान प्रत्येक टीम द्वारा मुख्य स्नान से पूर्व निरीक्षण अनिवार्य रूप से किए जाएंगे। साथ ही बंदी अवधि में बंद टेनरियों के गेट प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा विशेष निगरानी किए जाने के निर्देश भी दिए गए। डीएम ने कहा कि शासन एवं एनजीटी के निर्देशों के क्रम में यदि किसी टेनरी, उद्योग अथवा संबंधित संस्थान द्वारा आदेशों का उल्लंघन पाया गया तो कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस स्थिति में संबंधित क्षेत्र की निरीक्षण टीम की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, अपर नगर आयुक्त मो. अवेश खान, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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