माघ मेले के सफल आयोजन के लिए परिवहन निगम मुख्यालय ने सक्रिय रूप से तैयारी शुरू कर दी है। मेले प्राधिकरण के निर्देशानुसार, इस बार 270 बसों का बेड़ा संचालन के लिए जिम्मा दिया गया है। मेला एक जनवरी से शुरू होकर महाशिवरात्रि 15 फरवरी तक चलेगा। निगम ने इसे ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं का विस्तृत प्लान बनाया है। सामान्य दिनों में लगभग 150 बसों का नियमित संचालन किया जाएगा। वहीं मेले के मुख्य पर्वों जैसे पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा तथा महाशिवरात्रि के लिए 200 शटल बसें विशेष रूप से रिजर्व की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को सुगम सेवा मिल सके। बसों की तैनाती के लिए झूंसी व पटेल नगर में 200 तथा बेलकछार व विद्यावाहिनी में 50 बसों के अस्थाई बस अड्डे बनाए जा रहे हैं। परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक विमल राजन ने बताया कि भविष्य में आने वाले तेज यातायात को संभालने के लिए कर्मचारियों व अधिकारियों को समय से नियुक्त किया जा रहा है। माघ मेला केवल प्रयागराज तक सीमित नहीं आसपास के जिलों व दूर-दराज के इलाकों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान व धर्मसंकल्प के लिए आते हैं। मेले के बाद वे वापसी यात्रा में या अयोध्या जाकर सरयू स्नान के लिए बस सेवा का उपयोग करते हैं। इस बार शटल व अस्थाई बस व्यवस्थाएं विशेष रूप से इसलिए भी बढ़ाई गई हैं, ताकि किसी प्रकार की भीड़ या हैंडलिंग में कमी न रहे। पर्यटन विभाग व पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय कर निगम ने बस संचालन, पार्किंग, यात्री सुविधा व ट्रैफिक प्रबंधन की रूपरेखा अंतिम कर ली है। माघ मेले के प्रमुख पर्व परिवहन निगम का यह व्यापक प्रबंध मेले में आ रही श्रद्धालुओं की सुविधा व यात्रा को सहज बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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