क्रिसमस नाइट पर माई बार हेडक्वाटर रेस्टोरेंट में हुए बवाल ने आबकारी विभाग और पुलिस दोनों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। युवती से अभद्रता और मारपीट के बाद पहले जहां सीधे युवकों की गिरफ्तारी हुई, वहीं अब मामला रेस्टोरेंट मैनेजमेंट तक पहुंच गया है। बारादरी थाना क्षेत्र की सेटेलाइट चौकी पर तैनात दरोगा महावीर सिंह ने माई बार के मैनेजर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर आबकारी विभाग को भी बैकफुट पर ला दिया है। क्रिसमस नाइट पर तेज डीजे, बिना अनुमति मचा शोर
दरोगा महावीर सिंह के मुताबिक 25 दिसंबर की रात क्रिसमस के मौके पर सेटेलाइट पीलीभीत बाईपास रोड स्थित माई बार हेडक्वाटर रेस्टोरेंट में तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था। डीजे के लिए किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली गई थी। तेज शोर से आसपास के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मैनेजर से मांगी अनुमति, नहीं दिखा सका कोई कागज
पुलिस ने दुर्गानगर निवासी रेस्टोरेंट मैनेजर नितेश कुमार को थाने बुलाकर डीजे बजाने की अनुमति दिखाने को कहा। जांच में सामने आया कि नितेश के पास कोई वैध अनुमति नहीं थी। पुलिस के मुताबिक, इससे पहले भी मैनेजर को तेज आवाज में डीजे न बजाने को लेकर हिदायत दी जा चुकी थी। पर्यावरण कानून और ध्वनि प्रदूषण में दर्ज हुआ मुकदमा
बारादरी पुलिस ने मैनेजर नितेश कुमार के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियम और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि बिना अनुमति तेज डीजे बजाना कानून का सीधा उल्लंघन है और इस पर किसी तरह की ढील नहीं दी जा सकती। उसी रात युवती से अभद्रता, विरोध पर फोड़ा सिर
इसी बवाल वाली रात रेस्टोरेंट के भीतर एक युवती के साथ अभद्रता की गई। युवती ने जब विरोध किया तो नशे में धुत युवकों ने उस पर हमला कर दिया और सिर फोड़ दिया। मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने युवती की तहरीर पर रौनित, सलोनी पटेल, ध्रुव राय, अमन राय, चिराग गुप्ता और तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया। चार आरोपी गिरफ्तार, पहले ही भेजे जा चुके हैं जेल
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लकी दीप, शिवम, अमन राय और जसदीप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि घटना में शामिल अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। देर रात शराब परोसी जा रही थी, आबकारी विभाग भी घेरे में
जांच के दौरान सामने आया कि रेस्टोरेंट में देर रात तक शराब परोसी जा रही थी। नशे की हालत में ही युवकों ने हंगामा किया और बाद में युवती पर हमला हुआ। शराब परोसने का मामला सीधे आबकारी विभाग से जुड़ा था, इसलिए घटना के बाद आबकारी विभाग की टीम भी रेस्टोरेंट पहुंची। नोटिस के बाद बैकफुट पर आबकारी विभाग
आबकारी विभाग ने रेस्टोरेंट संचालक को नोटिस जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक, लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, शुरुआती कार्रवाई में देरी को लेकर आबकारी विभाग सवालों के घेरे में है और अब वह बैकफुट पर नजर आ रहा है। प्राइवेसी के नाम पर शहर में खुलेआम अश्लीलता
यह मामला सिर्फ माई बार तक सीमित नहीं है। शहर से लेकर बड़े बाईपास तक स्थित कई रेस्टोरेंट और ढाबों में प्राइवेसी के नाम पर अश्लीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है। केबिन की सुविधा देकर अनैतिक गतिविधियों के लिए माहौल तैयार किया गया है। बांस के केबिन, नाबालिगों की भी एंट्री
बड़े बाईपास पर मौजूद कई ढाबों में बांस के केबिन बनाकर खुलेआम गलत गतिविधियां कराई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इन केबिनों में नाबालिगों और स्कूली छात्र-छात्राओं तक की आवाजाही होती है। इसके बदले ढाबा संचालक रोजाना हजारों रुपये कमा रहे हैं। माई बार केस ने खोली सिस्टम की पोल
माई बार हेडक्वाटर रेस्टोरेंट का मामला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि शहर में चल रही अव्यवस्था और ढील का आईना बनकर सामने आया है। तेज डीजे, देर रात शराब, प्राइवेसी के नाम पर गड़बड़ी और फिर युवती से मारपीट-हर स्तर पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना यह है कि पुलिस और आबकारी विभाग आगे कितनी सख्ती दिखाते हैं और ऐसे रेस्टोरेंट व ढाबों पर कब तक नकेल कसते हैं।
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